मुंबई। वानखेड़े में खेले गए वर्ल्ड टी 20 के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को वेस्टइंडीज के हाथों सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही भारत इस वर्ल्ड टी 20 से बाहर हो गया। वहीं वेस्टइंडीज की टीम इस जीत के साथ टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई है जहां उसका मुकाबला इंग्लैंड से होगा। हालांकि इस मैच में भारतीय टीम ने बल्लेबाजी तो अच्छी की थी लेकिन गेंदबाजों के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।
ये पांच खामिया रही जिसके कारण हारी टीम इंडिया
1. गेंदबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 192 रनों का विशाल स्कोर बनाया। विराट कोहली ने आज भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए 47 गेंदों में 89 रन की तूफानी पारी खेली लेकिन गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन ने जीती हुई बाजी को हार में तब्दील कर दिया। भारतीय गेंदबाजों ने बेहद ही खराब गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। जसप्रीत बुमराह, रवीन्द्र जडेजा और हार्दिक पांड्या ने तो 10 से भी ज्यादा की औसत से रन लुटाए। बुमराह ने 4 ओवर में 42, जडेजा ने 4 ओवर में 48 और पांड्या ने 4 ओवर में 43 रन खर्च किए जबकि तीनों ने मिलकर मात्र एक विकेट निकाला।
2. एक अतिरिक्त गेंदबाज की कमी खली
टीम इंडिया को इस मैच में एक और स्पेशिलिस्ट गेंदबाज की कमी खली। मैच के दौरान गेंदबाजी का आलम यह था कि कप्तान धोनी को विराट कोहली जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज से दो ओवर करवाने पड़े। हालांकि कोहली ने अपने पहले ओवर में 4 रन देकर चार्ल्स जैसे विस्फोटक खिलाड़ी का विकेट लिया लेकिन प्रमुख गेंदबाजों द्वारा उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण भारत 7 विकेट से मैच हार गया।
3. टॉस हारना
टीम इंडिया की हार की वजह कप्तान धोनी का टॉस हारना रहा क्योंकि इस मैदान का यह रिकॉर्ड रहा है ज्यादातर मुकाबलों में टॉस जीतने वाली टीम ने ही मैच जीता है। अगर भारत इस मैच में टॉस जीता तो लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम के लिए जीत उतनी मुश्किल नहीं होती। धोनी ने हार के बाद कहा, सबसे पहले तो इस मैदान पर टॉस हारना अच्छा नहीं था क्योंकि यहां पर ओस की अहम भूमिका रहती है। इसके बाद जब हमने गेंदबाजी शुरू की तो स्पिनरों के लिए ज्यादा कुछ करने को नहीं था।
4. दो नो बॉल पर सिमंस को जीवनदान
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की गेंदबाजी हार का सबसे बड़ा कारण बनीं। नाबाद 83 रन बनाकर अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले सिमंस को 18 रन के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला। पारी के सातवें ओवर की अंतिम गेंद पर सिमंस, अश्विन की गेंद पर बुमराह द्वारा कैच किए गए थे लेकिन वह गेंद नौ बॉल करार दी गई। सिंमस ने इस जीवनदान का भरपूर फायदा उठाया और एक बेहतरीन साझेदारी को अंजाम दिया। सिमंस को पारी के 15वें ओवर की अंतिम गेंद पर एक और जीवनदान मिला। हार्दिक पांड्या की गेंद पर वह अश्विन द्वारा लपक लिए गए लेकिन वह भी नो बॉल साबित हुई। इस तरह से सिंमस को तीन बार जीवनदान मिला जिसमें से दो बार उनका कैच लपकने के बाद भी विकेट नहीं मिल सका क्योंकि वह नो बॉल था।
5. ड्यू फेक्टर
वानखेड़े में ड्यू फेक्टर यानी ओस की अहम भूमिका रहती है। एक तो यहां की पिच बल्लेबाजी के अनुकूल मानी जाती है ऐसे में दूसरी पारी में ओस गिरने से गेंद गिली हो जाती है जिससे गेदबाजों को पिच से कोई खास मदद नहीं मिलती है और इसका तो इतिहास रहा है। यहीं कारण रहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ अश्विन और जडेजा काफी महंगे साबित हुए।
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