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श्रीनिवासन मामले में बीसीसीआई खुद ले फैसला : सुप्रीम कोर्ट

Published: Oct 05, 2015 11:16:00 pm

कोर्ट ने जनवरी में दिए अपने फैसले में
श्रीनिवासन पर वर्किग कमिटी की बैठक में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था

Supreme court

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) खुद इस बात का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है कि पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन क्या अभी भी हितों के टकराव की स्थिति में हैं या नहीं और उन्हें बोर्ड की वर्किग कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने दिया जाए या नहीं। कोर्ट ने 22 जनवरी को दिए अपने फैसले के बाद बोर्ड में हुई गतिविधियों पर किसी तरह का स्पष्टीकरण जारी करने से भी इनकार कर दिया।

कोर्ट ने जनवरी में दिए अपने फैसले में श्रीनिवासन पर वर्किग कमिटी की बैठक में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि कोर्ट बोर्ड अध्यक्ष और आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक की दोहरी भूमिका के चलते श्रीनिवासन को हितों के टकराव की स्थिति में देख रही थी।

न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलिफुल्ला की पीठ ने कहा, जिस दिन हमने अपना फैसला सुनाया, श्रीनिवासन हितों के टकराव की स्थिति में थे। बीसीसीआई को इस बात पर नजर रखनी होगी कि उसके बाद क्या हुआ। कोर्ट ने कहा, बीसीसीआई इस नजरिए को मानने के लिए स्वतंत्र है। हम ऎसा नहीं कह रहे कि आप गलत हैं और हमने ऎसा भी नहीं कहा कि आप सही हैं।

कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई द्वारा कोर्ट के सामने रखे गए अधिकांश बिंदु 22 जनवरी का फैसला आने के बाद के हैं। क्या आप अपने विचार की पूर्व स्वीकृति चाहते हैं (कि श्रीनिवासन अभी भी हितों के टकराव की स्थिति में हैं)। हमारा इससे कोई संबंध नहीं है।

कोर्ट ने बीसीसीआई की याचिका पर किसी तरह का स्पष्टीकरण जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि यदि श्रीनिवासन बोर्ड के किसी विचार से असहमत होते हैं तो वह उचित कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

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