सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय इंटरपोल को जवाब देने की प्रक्रिया में है। उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर के मध्य तक वैश्विक एजेंसी द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने मामले पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार वर्ष 2008 में बीसीसीआई ने आईपीएल के मीडिया राइट वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप को 642 मिलियन डॉलर में और मल्टी स्क्रीन मीडिया सिंगापुर को 276 मिलियन डॉलर में सौंप दिए थे। मार्च 2009 में मोदी ने मल्टी स्क्रीन मीडिया सिंगापुर के साथ अनुबंध को निरस्त कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार इंटरपोल ने जानकारी चाही है कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच में वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (भारत) और वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (मॉरीशस) का नाम क्यों शामिल किया गया। इसके अलावा इंटरपोल ने फिर ईडी से कहा है कि क्या मोदी के खिलाफ वर्तमान जांच फेमा अथवा प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के उल्लंघन से सम्बंधित है। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी के खिलाफ अब तक 16 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 15 फेमा और एक पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दर्ज है।