श्रवण ने कहा कि इशांत को जानना होगा कि आक्रमकता की क्या सीमाएं होती हैं और इसे अपने खेल के साथ कैसे मिश्रित करना होगा। श्रवण को इस बात का भी अफसोस है कि अपनी टीम के लिए लाजवाब प्रदर्शन करने वाले इशांत पर लगे एक मैच के प्रतिबंध को हटाने के लिए टीम प्रबंधन ने कोई प्रयास नहीं किया।
गौरतलब है कि एक दिन पहले अपना 27 वां जन्मदिन मनाने वाले इशांत को पूरी सीरीज के दौरान मेजबान खिलाडियों से उलझने के कारण दो बार दंडित किया गया। दूसरे टेस्ट में खराब व्यवहार के कारण जहां उन्हें मैच फीस का 65 फीसदी जुर्माना अदा करना पड़ा। वहीं तीसरे टेस्ट में श्रीलंकाई खिलाड़यिों प्रसाद और तिरिमाने से भिड़ने के कारण उन्हें एक मैच का प्रतिबंध झेलना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की गेंदबाजी की जहां एक तरफ जमकर प्रशंसा की है, वहीं उन्हें मैच के चौथे दिन मेजबान खिलाडियों से उलझने के लिए कड़ी फटकार भी लगाई। इशांत ने पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाजी करते हुए कुल 13 विकेट झटके, जिसमें अकेले आठ विकेट उन्होंने निर्णायक और तीसरे मैच में लिये थे। उनके शानदार प्रदर्शन के बल पर टीम इंडिया 1993-94 के बाद श्रीलंका को उसी की धरती में हराने में सफल हो सका।