scriptलोढा समिति की सिफारिशों पर अब 14 दिसंबर को सुनवाई | Lodha Comittee Vs Bcci : Supreme Court Adjourned Hearing Till 14th December | Patrika News

लोढा समिति की सिफारिशों पर अब 14 दिसंबर को सुनवाई

Published: Dec 09, 2016 04:05:00 pm

Submitted by:

Kuldeep

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए
टालने के निर्देश जारी कर दिए। इससे पहले सर्वोच्च अदालत को इस मामले पर
पांच दिसंबर को सुनवाई करनी थी, लेकिन पीठ के सदस्य मुख्य न्यायाधीश टीएस
ठाकुर की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई को नौ दिसंबर तक के लिए टाला गया
था।

Lodha Panel Tells Bank To Stop Payment Of BCCI

Lodha Panel Tells Bank To Stop Payment Of BCCI

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और लोढा समिति मामले पर सुनवाई टाल दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए टालने के निर्देश जारी कर दिए। इससे पहले सर्वोच्च अदालत को इस मामले पर पांच दिसंबर को सुनवाई करनी थी, लेकिन पीठ के सदस्य मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई को नौ दिसंबर तक के लिए टाला गया था।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भारतीय बोर्ड में सुधार के लिए दी गई जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने से संबंधित है। दरअसल शुक्रवार को एक अन्य मामले पर सुनवाई में काफी देरी की वजह से अदालत ने इसे टाला है।

अदालत ने आखिरी बार 21 अक्टूबर को बीसीसीआई और लोढा समिति के मामले पर सुनवाई की थी। तब अपने अंतरिम निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के राज्य क्रिकेट संघों को तब तक फंड जारी करने पर रोक लगा दी थी, जब तक कि बोर्ड सिफारिशों को लागू करने के संदर्भ में लिखित में जवाब नहीं देता है। इसके अलावा अदालत ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को भी अदातल में तीन दिसंबर तक अपना हलफनामा देने के निर्देश दिए थे। अदालत ने दोनों बोर्ड अधिकारियों से सिफारिशों को लागू करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने के लिए कहा था।

पूर्व न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली समिति ने 18 नवंबर को सर्वोच्च अदालत में अपनी तीसरी स्थिति रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट को पेश करते हुए समिति ने एक बार फिर अपनी सिफारिश दी थी कि जो भी अधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघों में उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए तय की गई शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से हटा देना चाहिए। समिति ने साथ पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै को बीसीसीआई में पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने का सुझाव दिया था, जो बोर्ड के सभी वित्तीय लेनदेन पर नजर रखें।

हालांकि उच्चतम न्यायालय की लगातार फटकार के बावजूद बीसीसीआई लगातार यही दलील दे रहा है कि वह अपने राज्य क्रिकेट संघों को सिफारिशें लागू करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है और सिफारिशें बोर्ड में लागू करने के लिए उन्हें दो तिहाई मतों की जरूरत है। गौरतलब है कि बीसीसीआई ने मुख्यरूप से शीर्ष अधिकारियों की उम्र 70 वर्ष तक तय करने, कूङ्क्षलग ऑफ पीरियड यानि तीन वर्ष के अंतराल के बाद दोबारा पद पर नियुक्ति और एक राज्य एक वोट की सिफारिशों का विरोध किया है।

सर्वोच्च अदालत ने 18 जुलाई को अपने फैसले में लोढा समिति की रिपोर्ट में दी गई अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था और समिति को ही इसके लागू किए जाने की प्रक्रिया की निगरानी करने के निर्देश दिए थे। बीसीसीआई की दो दिसंबर को हुई अंतिम विशेष बैठक में बोर्ड सदस्यों ने लोढा समिति की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय तक का इंतजार करने का निर्णय लिया है।
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