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एमसीसी को नहीं भाया तेंदुलकर का फॉर्मूला

Published: Dec 07, 2016 08:36:00 pm

वल्र्ड क्रिकेट कमेटी ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर
सचिन तेंदुलकर की तरफ से दिया गया रणजी ट्रॉफी मैचों में दो पिचों के
प्रयोग का सुझाव नहीं भाया है।

sachin tendulkar

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मुंबई। एमसीसी की वल्र्ड क्रिकेट कमेटी में मौजूद क्रिकेट दिग्गजों का कहना है कि इससे प्रथम श्रेणी क्रिकेट के मैचों की वेल्यू कम हो जाएगी।

कमेटी के एक सदस्य और पूर्व पाकिस्तानी कप्तान रमीज राजा ने यहां दो दिन की मीटिंग के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अर्थ प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट में खुद को चुनौती देने जैसा है। दो अलग-अलग पिचों पर अलग-अलग पारियां खेलना खुद ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट की अहमियत को कम करने जैसा होगा। यह बात कमेटी भी महसूस करती है।

कमेटी के चेयरमैन और पूर्व इंग्लिश कप्तान माइक ब्रेयरली ने भी कुछ एेसा ही कहा। उन्होंने कहा कि हमने भी इस मुद्दे पर बात की। हमने उन टकरावों पर भी बात की, जो प्रथम श्रेणी मैचों को ट्रेनिंग जैसा मानने और इस सच के बीच हैं कि ये क्रिकेट के पूर्ण मुकाबले हैं, जिनमें बाकायदा प्रतिस्पर्धा है, बाकायदा असली मैच का अहसास है। ये दो बातें आपस में टकराती हैं।

उन्होंने साथ ही जोड़ा कि मैं निजी रूप से ये मानता हूं और कमेटी भी शायद यही बात कहेगी कि हम महसूस करते हैं कि तेंदुलकर का आइडिया प्रथम श्रेणी मैचों को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए प्रैक्टिस मैचों में बदलने का ही काम करेगा।

बता दें कि तेंदुलकर ने हाल ही में दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम के दौरान सुझाव दिया था कि रणजी ट्रॉफी मैचों की दोनों पारियां अलग-अलग पिच पर कराई जाएं, जिससे विदेशी दौरों के लिए एक बेहतर टेस्ट टीम तैयार हो सके। सचिन ने पिच क्यूरेटरों के पिच को घरेलू टीम के फायदे के लिए ढालने से रोकने और टॉस फैक्टर को खत्म करने के लिए टेस्ट मैचों में दो अलग-अलग पारियों में अलग-अलग गेंद (एक कुकाबुरा और दूसरी एसजी) का उपयोग करने का भी सुझाव दिया था।

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