भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने महिलाओं की विश्वकप में हार को लेकर बयान देते हुए कहा की महिलाओं की ये हार 2003 विश्वकप में मिली हार से भी ज्यादा कचोटती रहेगी
नई दिल्ली : भारतीय महिलाएं विश्वकप के फाइनल में हार गयीं। पहली बार विश्वविजेता बनने का सपना टूट गया। रविवार को खेले गए मैच मैं महिलाएं खूब जमके खेलीं लेकिन हार गयीं। लेकिन कोई बात नहीं खेल मैं में हार जीत तो होती रहती है। महिलाओं के खेल से सभी लोग प्रभावित हैं सभी उनकी तारीफ़ कर रहे हैं।
2003 की हार से ज्यादा दर्द
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने महिलाओं की विश्वकप में हार को लेकर बयान देते हुए कहा की महिलाओं की ये हार 2003 विश्वकप में मिली हार से भी ज्यादा कचोटती रहेगी। इस हार का दर्द बहुत गहरे तक रहेगा। 2003 के विश्वकप में मिली हार के बारे मैं बात करते हुए गांगुली ने कहा 2003 विश्वकप के फाइनल का मुकाबला एक तरफा हो गया था। लेकिन इस बार महिलाएं आखिर तक लड़ीं जीत के लिए ज़ज्बा था लेकिन आखिरी के कुछ ओवर मेंडगमगा गयीं और भारत विश्वविजेता बनने से चूक गया। महिलाओं की ये हार बहुत चुभेगी।
सीनियर के लिए नहीं दूसरा मौका
गांगुली ने महिलाओं के प्रदर्शन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया जिसके कारण फाइनल के विश्वकप तक पहुंचे ये गर्व की बात है। महिलाओं के इस प्रदर्शन से देश मैं खेलों की स्थिति मैं सुधार होगा, कुछ नए खिलाड़ी सामने आयेंगे और उम्मीद है कि अगला विश्वकप हम ही जीतेंगे।
अगली पीढ़ी करेगी पूरा
सीनियर खिलाडियों पर बात करते हुए गांगुली ने कहा कुछ खिलाडियों का ये आखिरी विश्वकप है इस कारण ये हार उन्हें जिन्दगी भर चुभती रहेगी। वहीं युवा खिलाडियों के लिए आगे मौका मिलेगा जिसमें वे अपने और देश के सपने को पूरा करेंगी।
आखिरी पल मैं लडखडा गयीं
मेजबान इंगलैंड ने विश्वकप के फाइनल मुकाबले मैं पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर मैं 228 रन बनाये जिसके जवाब में लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 48.4 ओवर में 219रन ही बना सकी और 9 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारत की तरफ से शानदार बल्लेबाजी करते हुए स पूनम राउत ने 86 रनों की शानदार पारी खेली, सेमीफाइनल मैच की हीरो हरमनप्रीत कौर ने 51 रन बनाए। लेकिन आखिरी ओवर टीम कि लय गडबडा गयी जिस कारण हर का सामना करना पड़ा।