scriptक्या अपने कॅरियर की फिनिश लाइन पर पहुंच गए हैं कैप्टन धोनी? | MS Dhoni: Is Finish Line Close for the Finisher? | Patrika News

क्या अपने कॅरियर की फिनिश लाइन पर पहुंच गए हैं कैप्टन धोनी?

Published: Oct 08, 2015 12:52:00 pm

गिरती फॉर्म दुनिया के बेहतरीन फिनिशर के लिए परेशानी पैदा कर रही है, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरिज धोनी के लिए अग्नि परीक्षा होगी।

MSD

MSD

मुंबई। भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने कटक टी20 में दक्षिण अफ्रीका से हार के बाद कहाकि वे कुछ ज्यादा ही दिमाग का इस्तेमाल करते हैं। यह फॉर्मेट दिमाग लगाने का नहीं है बल्कि चाहे जैसी परिस्थिति हो लंबे शॉट लगाने का है। यह बयान धोनी की वर्तमान फॉर्म और टीम इंडिया पर उनकी कमांड का पूरा खाका पेश कर देता है। वे शायद खुद महसूस करने लगे हैं कि अब वे पहले की तरह खेल पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। हालांकि धोनी अब भी सबसे फिट खिलाडियों में से एक हैं लेकिन टेस्ट से संन्यास और घरेलू मैच न खेल पाने के कारण वे मैच प्रेक्टिस की कमी के शिकार हैं।



जब से विराट कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था यह तो तय था अब वनडे और टी20 में धोनी गिने-चुने दिनों के मेहमान हैं लेकिन माना जा रहा था कि 2016 में होने वाले वर्ल्ड टी20 उनके अलविदा कहने के लिए शानदार मौका होगा। उनके कॅरियर ने इसी टूर्नामेंट से उड़ान भरी थी लेकिन गिरती फॉर्म दुनिया के बेहतरीन फिनिशर के लिए परेशानी पैदा कर रही है। वर्ल्ड कप में प्रदर्शन को अलग कर दें तो ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरिज, फिर बांग्लादेश में वनडे और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरिज गंवाने के बाद धोनी पर खतरे की तलवार लटक रही है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरिज धोनी के लिए अग्नि परीक्षा होगी।



धोनी खुद भी जल्द ही क्रिकेट से अलग होने के संकेत दे रहे हैं। कटक टी20 के बाद उन्होंने कहाकि, मैं बल्लेबाजी में ऊपर आना चाहता हूं ताकि कोई और फिनिशर की भूमिका निभाए। मैं ज्यादा दिनों तक नहीं खेलूंगा इसलिए किसी और को यह जिम्मेदारी लेनी होगी। नंबर 6 महत्वपूर्ण बल्लेबाजी क्रम है। जब तक कोई नया बल्लेबाज इस चुनौती का सामना नहीं करेगा किसे पता कौन सही रहेगा। यदि मैं पांचवें नंबर पर उतरता हूं तो काई और यह जिम्मेदारी ले लेगा। यह बात सही है धोनी अब पहले की तरह गेंदबाजों में डर पैदा नहीं करते। वे अपने जोन में आने वाली गेंदों पर मिसहिट करते हैं जो पहले नहीं हुआ करता था।



देखिए तीन उदाहरण जब धोनी की ताकत उनकी कमजोरी बन गई:
1. न्यूजीलैंड बनाम भारत 2012

विराट कोहली के 41 गेंद में 70 रन की पारी के बावजूद 167 रन का लक्ष्य कप्तान एमएस धोनी की संकोची पहुंच के चलते मुश्किल हो गया और आखिर में एक रन से हार मिली। भारत को 42 गेंद में जीत के लिए 49 रन चाहिए थे और धोनी व युवी मैदान में थे। धोनी ने अंत तक लंबे शॉट लगाने से परहेज किया जिससे लक्ष्य दूर रह गया। धोनी ने 23 गेंद में 22 रन की पारी खेली।



2. भारत बनाम श्रीलंका 2014
वर्ल्ड टी20 का फाइनल मुकाबला और विराट कोहली ने एक बार फिर टीम को शानदार शुरूआत दी। वापसी कर रहे युवराज सिंह को तो समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए, उन्होंने 21 गेंद में 11 रन बनाए। धोनी ने भी रन बनाने के लिए बल्ला घुमाया लेकिन मलिंगा चकमा देने में कामयाब रहे। नतीजा रहा कि भारत के वल 130 रन बना पाया और हार गया।



3. भारत बनाम इंग्लैण्ड 2014
एक बार फिर धोनी की संकोची अप्रॉच टीम इंडिया की जीत के आड़े आ गई। कोहली ने 40 गेंद में 66 रन ठोक भारत को जीत की राह पर डाल दिया और टीम इंडिया को जीतने के लिए 35 गेंद में 50 रन चाहिए थे। धोनी ने एक बार फिर सबको हैरान करते हुए अंबाती रायुडू से पहले रवीन्द्र जडेजा को भेजा। जडेजा के आउट होने के बाद धोनी ने अंतिम सात गेंद में तीन बार सिंगल नहीं लिए और आखिरी गेंद पर विजयी रन बनाने का जिम्मा खुद ले लिया। यह दांव नाकामयाब रहा और भारत पांच रन से हार गया।

अब आप पा सकते हैं अपनी सिटी की हर खबर ईमेल पर भीयहाँ क्लिक करें
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो