उन्होंने कहाकि, मैं केवल क्रिकेट खेलना और आनंद लेना चाहता हूं। यदि मुझे वापसी और भारत के लिए खेलने का अवसर मिलेगा तो मैं जरूर खेलूंगा। लेकिन ये मै च(रणजी मैच) ही हैं जिससे मुझे वापसी का मौका मिलेगा और मैं अपना बेस्ट कर रहा हूं। युवराज को अभी भी अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में शामिल होने की उम्मीद है। इस बारे में उन्होंने कहाकि, सब वर्ल्ड कप बराबर होते हैं फिर चाहे वो 50 ओवर का हो या फिर 20 ओवर का। मैं ज्यादा दूर नहीं देखता, मैं मैच दर मैच सोचता हूं कि मेरा खेल कैसा है और मैं कैसे सुधार कर सकता हूं। यही मेरा लक्ष्य है।
अपने अंदर खेलने के जज्बे को बरकरार रखने का श्रेय युवराज ने सचिन तेंदुलकर को दिया। उन्होंने बताया कि पिछले साल मैंने सचिन से बात की थी और उन्होंने क हाकि यह सही बात है कि भारत के लिए खेलना सबसे महत्वपूण है लेकिन खेल का आनंद लेना मत भूलो। जब हम छोटे थे तो मजे के लिए खेला करते थे। हम नहीं जानते थे कि हम आगे जाकर देश के लिए खेलेंगे। खेल से संन्यास लेने के बारे में पूछे जाने पर युवी थोड़े समय के लिए चुप हो गए और फिर बोले जीवन में ऎसा समय आता है जब खेल में निराशा होती है और चीजें आपके हिसाब से नहीं जाती।
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