वड़ापाव बेचने वाले इस क्रिकेटर ने बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड, अब गिनीज में दर्ज हुआ
नाम
Published: Apr 29, 2016 11:38:00 am
कभी वड़ापाव और ज्यूस बेचने वाले इंडियन क्रिकेटर विराग मरे का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है
पुणे। कभी वड़ापाव और ज्यूस बेचने वाले इंडियन क्रिकेटर विराग मरे का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। एक दिन पहले ही उन्हें गिनीज बुक की ओर से सर्टिफिकेट भ्भेजा गया है। बता दें कि इस कीर्तिमान को हासिल करने के लिए विराग ने साल 2015 में लगातार नेट पर 50 घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के डेव न्यूमैन और रिचर्ड वेल्स के नाम था। इन दोनों बल्लेबाजों ने नेट पर 48 घंटे तक बल्लेबाजी की थी।
पिता को देख आया था जोश
24 साल के विराग ने मंगलवार सुबह 9.30 बजे बल्लेबाजी करना शुरु किया था जो कि गुरुवार सुबह 11.35 बजे खत्म हुआ, यानी पूरे पचास घंटे। विराग ने बताया कि 27 घंटे बैटिंग करने के बाद थकान हावी होने लगी थी, लेकिन मैंने अपने पिता को देखा जो कि लातूर से सिर्फ मेरी बल्लेबाजी देखने आए थे। इसके बाद थकान रफूचक्कर हो गई और वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। विराग ने बताया कि वो दो से तीन घंटे तक और बल्लेबाजी कर सकते थे।
कोच आचरेकर से सीखी बारीकियां
विश्व कीर्तिमान बनाने वाले विराग महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक साधारण परिवार से आते हैं। क्रिकेट का जुनून उनके अंदर बचपन से ही था। यही जुनून उन्हें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गया। मुंबई में कोच आचरेकर के मार्गदर्शन में विराग ने कुछ महीने क्रिकेट की बारीकियां सीखी। लेकिन वह ज्यादा समय तक मुंबई में नहीं रह सके और आर्थिक तंगी के चलते उन्हें पुणे आना पड़ा। विराग के स्टेमिना और पिच पर कई घंटे तक टिके रहने की तारीफ कोच रमाकांत आचरेकर भी कर चुके हैं।
वड़ापाव का ठेला लगा निकालता है खर्चा
बल्लेबाजी के दौरान विराग ने पांच घंटे बाद पहला ब्रेक लिया, जो कि 25 मिनट का था। इसके बाद उन्होंने हर दो घंटे में दस-दस मिनट का ब्रेक लिया। इस दौरान कई गेंदबाजों का सामना किया। बीच-बीच में बॉलिंग मशीन का भी सहारा लिया। सचिन जैसा बल्लेबाज बनने की ख्वाहिश रखने वाले विराग पहले बल्लेबाजी की ट्रेनिंग भी लेते थे, लेकिन पैसे खत्म होने के बाद उन्हें घर लौटना पड़ा। अब विराग पढ़ाई के साथ-साथ बल्लेबाजी की भी प्रैक्टिस करते हैं। अपना खर्चा निकालने के विराग वड़ा पाव का ठेला लगाते हैं।