खिताब जीतने का उनका सिलसिला अगले साल भी जारी रहा।
पहले कर्नाटक ने तमिलनाडु को हराकर रणजी ट्रॉफी और फिर शेष भारत को मात देकर लगातार
दूसरी साल इन दोनों प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में विजय पताका लहराई। कर्नाटक का जीत का
पहिया यहीं नहीं रूका और एक बार फिर से विजय हजारे ट्रॉफी जीती, इस बार फाइनल में
पंजाब को हराया। इस साल के आईपीएल के लिए केकेआर ने विनय को रीलिज कर दिया था तो
मुंबई ने उन्हें ले लिया। विनय के लिए यह बदलाव भी कारगर रहा और मुंबई ने चेन्नई को
परास्त कर दूसरी बार खिताब अपने नाम किया।
इसी के साथ विनय दो साल के भीतर आठ विजेता टीमों के सदस्य बन गए। हालांकि उनका यह आंकड़ा नौ तक पहुंच सकता था लेकिन केकेआर को पिछली साल चेन्नई के हाथों चैंपियंस लीग के फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी। उनके पास अपने इस रिकॉर्ड को और आग ले जाने का मौका है और कर्नाटक रणजी, ईरानी और विजय हजारे ट्रॉफी को लगातार तीसरी बार जीतने का मौका होगा। कर्नाटक इस समय घरेलू प्रतियोगिता में सबसे मजबूत टीम है।
इसी के साथ विनय दो साल के भीतर आठ विजेता टीमों के सदस्य बन गए। हालांकि उनका यह आंकड़ा नौ तक पहुंच सकता था लेकिन केकेआर को पिछली साल चेन्नई के हाथों चैंपियंस लीग के फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी। उनके पास अपने इस रिकॉर्ड को और आग ले जाने का मौका है और कर्नाटक रणजी, ईरानी और विजय हजारे ट्रॉफी को लगातार तीसरी बार जीतने का मौका होगा। कर्नाटक इस समय घरेलू प्रतियोगिता में सबसे मजबूत टीम है।