रैना ने चुनौती देते हुए कहाकि, खुद को साबित करने के लिए मैं पांच टेस्ट मैच में मौका देने की मांग नहीं कर रहा हूं। मुझे केवल दो-तीन मैच दीजिए और अगर यदि मैं प्रदर्शन नहीं करता हूं तो मुझे हमेशा के लिए निकाल दो। गौरतलब है कि रैना को 2012 में इंग्लैण्ड दौरे पर और फिर इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में खिलाया गया था लेकिन वे बुरी तरह से फ्लॉप रहे। रैना ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ा था लेकिन इसके बाद से वे केवल 18 ही टेस्ट खेल पाए हैं।
रैना ने कहाकि, मैं वनडे और टी20 क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। यहां तक कि आईपीएल में भी मैं रन बना रहा हूं। यह सच है कि मैंने टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन इस यह साबित नहीं होता कि मुझे टेस्ट के लिए अनुभव नहीं है। मुझे विश्वास है कि मेरे पास वह काबिलियत है जिससे टेस्ट स्तर पर लगातार प्रदर्शन कर सकता हूं। वर्ल्ड टी20 की तैयारियों से पहले मेरा ध्यान टेस्ट में वापसी पर है।
रैना ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो टेस्ट में पदार्पण किया था और इसके बाद लगातार आठ टेस्ट खेले थे। इसी साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। वे छह पारियों में केवल 32 रन बना पाए। 2011 में वेस्ट इंडीज दौरे के लिए उन्हें फिर से टीम में जगह मिली और इंग्लैण्ड दौरे पर भी खेले। इस दौरान सात टेस्ट में वे केवल 337 रन बना पाए और उनकी औसत 25.92 रही। इसके बाद न्यूजीलैण्ड दौरे और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट में उन्हें मौका मिला लेकिन वे नाकाम रहे।
रैना इकलौते भारतीय हैं जिनके नाम क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी20 में शतक है। उनके नाम टेस्ट में केवल एक शतक और सात अर्धशतक हैं।