यानी बॉल तो आएगी लेकिन हाथ में बल्ला नहीं होगा। प्रैक्टिस के दौरान शिखर धवन के हाथ में कोई बल्ला नहीं था। हालांकि सावधानी के लिए बॉल लेदर की नहीं बल्कि टेनिस बॉल उनकी तरफ फेंकी गईं और शिखर धवन के सामने लक्ष्य था इन बॉलों को देखना और उनसे बचना बिना स्ट्रोक खेले। एक के बाद शिखर की तरफ इम्तिहान उछाले गए ये प्रैक्टिस तेज पिचों पर पास से निकलते गेंदों को छोडऩे की ये प्रैक्टिस है रिफ्लेक्स एक्शन सुधारने की।
इसके बाद टेनिस गेंदों का सामने करने के लिए शिखर के हाथ में बल्ला दिया गया और फिर शिखर ने बॉल की लाइन पर आकर खेले अपने स्ट्रोक खेले। तैयारी इस बात की है कि टेस्ट में हर गेंद पर सिर्फ शॉट खेलने के लिए उतावले ना रहें शिखर बल्कि सहीं गेंद चुन कर स्ट्रोक खेलें और लंबा स्कोर करे।