रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले एक वर्ष में हुए 90 हजार करोड़ रुपए के रक्षा अनुबंधों में से लगभग 70 फीसदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हैं और भविष्य में सभी रक्षा सौदे इस नीति को ध्यान में रख कर किए जाएंगे।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले एक वर्ष में हुए 90 हजार करोड़ रुपए के रक्षा अनुबंधों में से लगभग 70 फीसदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हैं और भविष्य में सभी रक्षा सौदे इस नीति को ध्यान में रख कर किए जाएंगे।
पर्रिकर ने रक्षा पोर्टल ‘भारतशक्ति’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि रक्षा मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में लगा है कि तीनों सेनाओं के लिए की जाने वाली खरीद ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ही होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी भारत अपनी रक्षा जरूरत का 70 फीसदी आयात के जरिए पूरा करता है लेकिन नई नीति में रक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि वह आयात पर निर्भरता में हर वर्ष 10 फीसदी की कमी लाएगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशीकरण को लेकर काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मानसिकता को बदलना आसान नहीं है लेकिन सेनाओं को स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ और स्वदेशीकरण को प्राथमिकता देनी होगी और विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को कम करना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दे अहम हैं और इन्हें नरजअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन इस निर्भरता में कमी लानी होगी।