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टीम इंडिया दिन में दो मैच खेले तो कर सकता है यूएई की मदद

Published: Mar 01, 2015 09:47:00 am

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि टीम इंडिया पहले ही साल भर में बहुत
क्रिकेट खेलती है

पर्थ। टीम इंडिया के क्रिकेट शेड्यूल साल भर के लिए पैक्ड रहते हैं और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि टीम इंडिया के पास इतना वक्त नहीं है कि वह यूएई जैसी छोटी टीमों में क्रिकेट क्वालिटी को सुधारने के लिए उनके खिलाफ खेलें। गौरतलब है कि अगले विश्व कप के लिए आईसीसी टीमों की संख्या घटाकर 10 करने जा रहा है और इन दिनों इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि छोटी टीमों को अगर दिग्गज टीमों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलेगा तो उनका स्तर कैसे अच्छा होगा।

धोनी से भी सवाल पूछा गया कि क्या टीम इंडिया यूएई जैसी टीमों के खिलाफ खेलना पसंद करेगी ताकि यूएई जैसी टीमों का क्रिकेट स्तर बेहतर हो सके। इस पर धोनी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि टीम इंडिया खेल सकती है क्यांकि हमारा कैलेंडर वैसे ही साढ़े नौ महीने का होता है। उस पर हम ढ़ाई महीने के लिए आईपीएल खेलते हैं और फिर चैम्पियंस लीग टी20 में भी हिस्सा लेते हैं। इतनी क्रिकेट खेलने के बाद हम टेस्ट और वनडे रैंकिंग में अन्य टेस्ट खेलने वाले देशों को कड़ी टक्कर भी देते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसके बाद भी टीम इंडिया के पास इतना समय बचता है कि वह और क्रिकेट खेल सके। यह तब तक संभव नहीं है जब तक कि हम एक ही दिन में दो मैच न खेलना शुरू कर दें और यह नामुमकिन है।”

धोनी ने कहा, “हमारे खिलाडियों की आलोचना होती है और यह भी कहा जाता है कि हमारे गेंदबाज फिट नहीं रहते और बल्लेबाज चोटिल हो जाते हैं, लेकिन अगर आप देखें तो हमारी एक ही टीम क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेलती नजर आती है। इसके बाद यही खिलाड़ी चैम्पियंस लीग और आईपीएल भी खेलते हैं। इतने वर्कलोड के बाद भी अगर मैं यह कहूं कि हमारी टीम के गेंदबाज सबसे फिट हैं तो यह गलत नहीं होगा।”

धोनी ने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब भी गेंदबाजों को ब्रेक मिलता है, उन्हें उनके राज्यों की टीमों के लिए खेलने का बुलावा आ जाता है और वहां उन्हें अनगिनत ओवर्स के लिए गेंदबाजी करनी होती है।” धोनी ने छोटी टीमों के बारे में कहा, “बेशक अगर उन्हें थोड़ा और क्रिकेट खेलने को मिले और अच्छी सहूलतें मिलें तो वह अच्छी टीमें बन सकती हैं। यह सर्कस की तरह है जहां लोगों के सामने आप खेलते हो और अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो। इसलिए छोटी टीमों को मौका देना होगा, लेकिन भारत के खिलाफ नहीं। टीम इंडिया अपने शेड्यूल को और बिजी नहीं करना चाहती।”

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