उपविजेता रहने पर ऐसे भव्य स्वागत की उम्मीद नहीं थी : मिताली
Published: Jul 27, 2017 07:50:00 pm
महिला विश्वकप में उपविजेता बनकर स्वदेश लौटी भारतीय टीम का मुंबई से लेकर
दिल्ली तक भव्य स्वागत समारोह जारी है और टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा
है कि उन्हें कतई उम्मीद नहीं थी कि एक रनरअप टीम का इतना जबरदस्त स्वागत
होगा।
indian women cricket team
नई दिल्ली। भारतीय टीम का स्वदेश लौटने पर मुंबई में अभूतपूर्व स्वागत हुआ था और उसके 24 घंटे बाद दिल्ली में सुबह खेल मंत्री विजय गोयल ने टीम का अपने निवास पर शानदार स्वागत किया। इसके एक घंटे बाद ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक पांच सितारा होटल में टीम का सम्मान करते हुए हर खिलाड़ी को 50-50 लाख और सपोर्ट स्टाफ को 25-25 लाख रुपए दिए।
काश हम फाइनल जीत जाते
कप्तान मिताली ने बीसीसीआई के सम्मान समारोह में कहा, मुझे तो बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि उपविजेता रहने पर भी हमें इतना मान-सम्मान मिलेगा। हमें तो यह भी उम्मीद नहीं थी कि फाइनल में हारने के बावजूद देश हमें पलकों पर बिठाएगा। लेकिन यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारी खिलाडिय़ों का इतना सम्मान हुआ है। यह देखकर तो अब महसूस हो रहा है कि काश हम फाइनल जीत जाते।
बीसीसीआई के सम्मान समारोह में रेल मंत्री सुरेश प्रभु, बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, सीईओ राहुल जौहरी और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना इडुलजी मौजूद थे।
सुबह से ही रहे आकर्षण का केंद्र
इससे पहले भारतीय टीम के खेल मंत्री के निवास पर पहुंचने के साथ ही मीडियाकर्मियों और कैमरों के फ्लैश ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। खेल मंत्री के निवास से शुरू हुआ यह सिलसिला पांच सितारा होटल में बीसीसीआई के सम्मान समारोह तक भी पहुंच गया। सम्मान समारोह में बैठी खिलाडिय़ों की एक झलक लेने के लिए कैमरों के फ्लैश लगातार कौंध रहे थे।
प्रभु ने याद किया मिताली का उल्टा प्रश्न
खिलाडिय़ों के पहुंचने के कुछ ही देर बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी पहुंचे और उन्होंने सभी खिलाडिय़ों के पास जाकर उनसे मुलाकात की। रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस मौके पर मिताली के उस जवाब का जिक्र करना नहीं भूले, जिसमें उन्होंने विश्वकप शुरू होने से पहले एक पत्रकार से ही उल्टा सवाल कर दिया था कि क्या कभी उन्होंने किसी पुरूष क्रिकेटर से यह पूछा है कि उसकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है?
2005 में नहीं मिला था स्वागत
इस स्वागत से अभिभूत मिताली ने कहा, 2005 में जब हम पहली बार फाइनल में पहुंचे थे, तब हमें ऐसा स्वागत नहीं मिला था। न मीडिया के इंटरव्यू थे और न ही इस तरह की चकाचौंध थी। लेकिन आज हर खिलाड़ी अपने आप में एक हस्ती बन गई है और हर कोई उनका इंटरव्यू लेना चाहता है। मिताली ने कहा, दरअसल ऐसा बदलाव 2006 के बाद देखने को आया है, जब बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को संभाला। उससे पहले तक महिला क्रिकेट का संचालन महिला क्रिकेट संघ के हाथों में था, लेकिन उस दौरान टीम की स्थिति अच्छी नहीं थी। आज हम खुद को देखते हैं तो लगता है कि हम बहुत आगे आ चुके हैं। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष खन्ना ने इस अवसर पर जैसे ही कहा कि सभी इन खिलाडिय़ों का अभिवादन करें तो हॉल में मौजूद सभी लोग अपनी जगह खड़े हो गए और देर तक तालियां बजाकर देश को गौरव प्रदान करने वाली इन बेटियों का अभिवादन किया।
आपकी इस कामयाबी ने देश में महिला क्रिकेट की एक नई इबादत लिख दी है। मैं पूरी टीम को यह भरोसा दिलाता हूं कि बीसीसीआई की तरफ से महिला क्रिकेट को हमेशा पूरा सहयोग मिलता रहेगा। आपने जो किया है, उसे वर्षाें तक याद रखा जाएगा।
सीके खन्ना, कार्यवाहक अध्यक्ष, बीसीसीआई
समय बहुत तेजी से बदल रहा है और इतना तेजी से बदल रहा है कि 20-25 साल बाद लोग पूछेंगे कि क्या पुरुष भी क्रिकेट खेलते हैं। आपने कप नहीं जीता लेकिन करोड़ों दिल जीत लिए। पूरा देश आपकी कामयाबी का जश्न मना रहा है। आपने देश की महिलाओं को आत्मविश्वास दिया है कि यदि वे चाहें तो कुछ भी हासिल कर सकती हैं। मेरे लिए एक रेल मंत्री के रूप में यह बड़े गर्व की बात है कि टीम की 15 खिलाडिय़ों में से 10 खिलाड़ी रेलवे से हैं।
सुरेश प्रभु, केंद्रीय रेल मंत्री
भारतीय महिला क्रिकेट ने एक लंबा सफर तय किया है। 2005 से पहले टीम की राह मुश्किलों भरी थी, लेकिन 2006 में बीसीसीआई के महिला क्रिकेट संभालने के बाद यह राह आसान होती चली गई। इसका बहुत श्रेय रेलवे को भी जाता है। अगर रेलवे को हम महिला क्रिकेट की लाइफलाइन कहें तो गलत नहीं होगा। बेशक हम विश्वकप नहीं जीत पाए, लेकिन अभी और विश्वकप आने हैं। अगले साल ट््वंटी-20 विश्वकप होना है। वैसे ट््वंटी-20 के मुकाबले एकदिवसीय क्रिकेट हमारी ताकत है, लेकिन ट््वंटी-20 में भी हम इसी तरह मेहनत से आगे बढ़ेंगे।
डायना इडुलजी, सीओए की सदस्य और पूर्व भारतीय कप्तान