अरुण इससे पहले नेशनल क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु के मुख्य गेंदबाजी कोच थे। अरुण पश्चिम बंगाल क्रिकेट संघ, इंडिया ए और इंडिया अंडर-19 के भी कोच रह चुके हैं।
नई दिल्ली: शास्त्री और अरुण का परिचय करीब तीन दशक पुराना है। भरत अरुण के विकीपीडिया प्रोफाइल के अनुसार वो 1979 में श्रीलंका जाने वाली अंडर-19 क्रिकेट टीम के सदस्य थे, जबकि रवि शास्त्री उसके कप्तान थे। भरत अरुण ने 1986 में गेंदबाज के तौर पर अपने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट और वनडे करियर की शुरुआत की। रवि शास्त्री उनसे पहले 1981 में ही राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना चुके थे। हालांकि अरुण का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और वो महज दो टेस्ट और चार वनडे ही खेल पाए।
मात्र छह अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं भरत अरुण
वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के छह मैचों के अपने करियर में कुल पांच विकेट ही ले पाए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अरुण को आलराउंडर बताया गया है इसलिए यहां ये जानना जरूरी है कि उन्होंने कुल छह अंतरराष्ट्रीय मैचों में मात्र 25 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनका अधिकतम स्कोर नाबाद दो रन रहा तो वनडे में आठ रन। अरुण साल 2014 में पहली बार तब राष्ट्रीय टीम के गेंदबाजी कोच बनाए गए जब रवि शास्त्री टीम के डायरेक्टर थे।
पहले भी रह चुके हैं गेंदबाजी कोच
अरुण, शास्त्री के भारतीय टीम के मैनेजर रहने तक गेंदबाजी कोच रहे। कहा जाता है कि रवि शास्त्री के कहने पर ई श्रीनिवासन ने अरुण को राष्ट्रीय टीम का बॉलिंग कोच बनाया था। अरुण को जब राष्ट्रीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया तो वो तमिलनाडु क्रिकेट संघ के कोचिंग डायरेक्टर थे। अरुण इससे पहले नेशनल क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु के मुख्य गेंदबाजी कोच थे। अरुण पश्चिम बंगाल क्रिकेट संघ, इंडिया ए और इंडिया अंडर-19 के भी कोच रह चुके हैं।
इन दिग्गजों के आगे कुछ नहीं भरत अरुण का अनुभव
हरभजन सिंह,
जहीर खान और जवागल श्रीनाथ जैसे दिग्गज पूर्व गेंदबाजों को दरकिनार कर शास्त्री ने भरत अरुण को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया है जबकि इनका गेंदबाजी अनुभव इन पूर्व गेंदबाजों के सामने ना के बराबर है। जवागल श्रीनाथ ने 67 टेस्ट मैचों में 236 विकेट व 229 एकदिवसीय मैचों में 315 विकेट लिए हैं।
जहीर खान ने 92 टेस्ट मैचों में 311 विकेट लिए हैं औऱ 200 एकदिवसीय मैचों में 282 विकेट लिए हैं। वहीं हरभजन सिंह ने 57 टेस्ट मैचों में 238 विकेट व 149 एकदिवसीय मैचों में 170 विकेट लिए हैं। इन ऑकड़ो में स्पष्ट है कि भरत अरुण का गेंदबाजी अनुभव इन पूर्व गेंदबाजों के सामने कुछ नहीं है।