2जी घोटाला: राजा ने मनमोहन सिंह को गुमराह किया: CBI
Published: Apr 15, 2015 02:34:00 pm
‘राजा ने 2जी के आवंटन में आरोपी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी’
नई दिल्ली। पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा ने और 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुमराह किया था। सीबीआई ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट को यह जानकारी दी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि, राजा ने 2जी के आवंटन में आरोपी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी। साथ ही कहाकि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और यूनीटेक वायरलेस लिमिटेड जैसी अयोग्य कंपनियों को भी स्पेक्ट्रम दे दिया गया।
2जी घोटाले पर अंतिम बहस के दौरान कोर्ट में सीबीआई ने ये आरोप लगाए। अपनी चार्जशीट में जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन से राजकोष को 30984 करोड़ का घाटा हुआ। इस आवंटन को सुप्रीम कोर्ट ने दो फरवरी 2012 को रद्द कर दिया था। सीबीआई ने इस मामले में 154 और आरोपी पक्ष ने अपने पक्ष में 29 विटनेस पेश किए। सीबीआई की ओर से दो चार्जशीट पेश किए जाने के बाद कोर्ट ने राजा समेत 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। इसके बाद 11 नवंबर 2011 से सबूत दर्ज किए गए।
कोर्ट ने सीबीआई के 154 गवाहों के बयान दर्ज किए। इन गवाहों में रिलायंस धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अम्बानी, उनकी पत्नी टीना अम्बानी और पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया शामिल है। वहीं मामले में राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व सचिव आरके चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा व विनोद गोयनका, यूनीटेक के एमडी संजय चंद्रा, रिलायंस के तीन एग्जीक्यूटिव गौतम दोषी, सुरेन्द्र पिपारा और हरि नैयर मामले में मुख्य आरोपी है।