शायद आपको यह जानकर थोड़ा अटपटा लगे लेकिन इस युवक को उसकी मां ने ही कैद करके रखा हुआ था। 24 वर्षीय राहुल खेड़िया नाम के इस युवक को उसकी मां ने अपने टूटे-फूटे घर के एक कमरे में कैद करके रखा हुआ था। राहुल के पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी…
कोलकाता: कोलकाता के अलीपुरद्वार के एक रिहायशी इलाके में उस समय सनसनी फैल गई जब सोशल वर्कर्स और पुलिस ने पिछले 12 साल से एक कमरें में बंद युवक को मुक्त कराया है। शायद आपको यह जानकर थोड़ा अटपटा लगे लेकिन इस युवक को उसकी मां ने ही कैद करके रखा हुआ था। 24 वर्षीय राहुल खेड़िया नाम के इस युवक को उसकी मां ने ही अपने टूटे-फूटे घर के एक कमरे में कैद करके रखा हुआ था। राहुल के पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी। पुलिस जब राहुल के कमरे में दाखिल हुई, उन्हें वहां कुत्ते, बिल्लियां, कीड़े और सांप तक मिले।
मां को सताता था बेटे की हत्या का डर-
दरअसल, राहुल की मां बीना खेड़िया भी मानसिक तौर पर अस्वस्थ हैं। बचपन में ही राहुल के पिता की मौत हो जाने के कारण उसकी मां का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था और उनको यह डर सताता था कि कोई उनके बेटे की हत्या कर देगा और इसलिए उन्होंने राहुल को 12 साल तक एक कमरे में बंद कर रखा। राहुल बचपन में पूर्ण रूप से स्वस्थ था और उनका घर के हालात भी ठीक-ठाक थे लेकिन पति की मौत के बाद बीना अपने जज्बात पर काबू नहीं रख सकीं।
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सोशल वर्कर्स और पुलिस ने कराया मुक्त-
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रातुल बिस्वास ने राहुल को बीते गुरुवार को पुलिस की मदद से छुड़ाया। इसके बाद राहुल को नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि राहुल को उसकी मां ने जिस कमरे में कैद करके रखा था, वह कमरा न सिर्फ छोटा था, बल्कि बेहद गंदा भी हो चुका था। जिसे देख ऐसा ही प्रतीत हो रहा था कि जब से राहुल को इस कमरे में रखा गया तब ही से इस कमरे की सफाई नहीं की गई। कमरे में बंद रहने के कारण राहुल न बोल सकता है और न चल सकता है। वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ नहीं है। डॉक्टर्स के मुताबिक, वह गंभीर संक्रमण से ग्रस्त है।
पड़ोसियों को नहीं हो रहा विस्वास-
उनके पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें तो यह भी अंदाजा नहीं था कि इस टूटे-फूटे मकान में कोई रह भी रहा है, किसी ने भी उन्हें बाहर निकलते नहीं देखा। पड़ोसियों को यही आभास था कि पति की मौत के बाद बिना अपने बेटे के साथ यहाँ से चली गई हैं। यहाँ तक कि पडोसी तो उस घर को भुतहा समझते थे।