मेघालय में सेना की गलती से गई दो नागरिकों की जान
Published: Nov 27, 2015 09:14:00 am
सेना ने बाइक से घर जा रहे दो लोगों को उग्रवादी समझ कर उन पर गोलियां बरसाईं, दोनों की हुई मौत
शिलॉन्ग। जिन्हें हथियारबंद उग्रवादी समझकर सेना ने गोली मार दी थी, वह साधारण नागरिक निकले। मामला मेघालय के उत्तर गारो पर्वतीय जिले का है। यहां बुधवार रात सेना ने मोटरसाइकल पर जा रहे दो लोगों को उग्रवादी समझकर गोली मार दी थी, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।
राजसिमला गांव के रहने वाले स्थानीय शिक्षक स्वीटबर्थ डी मराक और अलफुइस मोमिन बुधवार रात बाइक पर घर लौट रहे थे। तभी जवानों ने उन्हें खारकुट्टा क्षेत्र में गोली मार दी। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी। क्षेत्र में सेना की ओर से बिना सोचे समझे गोलीबारी करने की यह दूसरी घटना है। वहीं दूसरी तरफ सेना का कहना है कि उन्हें रुकने के लिए कहा गया था, लेकिन वे नहीं रुके।
घटना के बाद इलाके में तनाव उत्पन्न हो गया। नॉर्थ गारो हिल्स के एसपी रमेश सिंह ने कहा, ‘हमने इन हत्याओं के बारे में मामला दर्ज कर लिया है। सेना ने हमे गुरुवार सुबह इस बारे में बताया।’ एक प्रेस रिलीज में आर्मी ने भी घटना की जांच की बात कही है। आर्मी के अनुसार, उनके बार बार रोके जाने पर भी जब वे लोग नहीं रुके तो सोना ने गलती से उनहें उग्रवादी समझ लिया और गोली चला दी।
उधर पुलिस ने भी सेना की कार्यवाही को नियमों का उल्लंघन बताया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सेना ने वाहनों की चैकिंग शुरू करने पहले न तो एसपी को बताया था और न ही लोकल पुसिल स्टेशन के ओसी को। मेघालय पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। वहीं स्थानीय लोगा इसे फर्जी मुठभेड़ करार दे रहे हैं। गुस्साए लोगों ने खारकुट्टा पुलिस स्टेशन का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों के मुताबिक मृतकों के शरीर पर एके-47 से 15-20 गोलियां दागी गई थीं।