असम: हमारे देश में अंधविश्वासियों की कोई कमी नहीं है। ऐसे ही एक अन्धविश्वास का मामला असम में सामने आया है जहां एक खोये हुए मोबाइल फ़ोन को खोजने के लीए एक 4 साल की मासूम बच्ची की बलि देकर उसे क़त्ल कर दिया गया।
आदिवासी बच्ची की बलि सिर्फ इसलिए दे दी गई क्योंकि चार लोगों का मानना था कि इससे उनका एक खोया मोबाइल फ़ोन वापस आ जाएगा।
‘प्रतीक चित्र’
ये भयावह और दर्दनाक घटना आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र चराईघ्हो जिले के रत्नापुर में हुई, जहां एक भूत भगाने वाले तांत्रिक के कहने पर इस लड़की को न केवल दर्द दिया गया बल्कि भगवान् को खुश करने के लिए उसके दोनों हाथों को काट दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
बच्ची की बलि चढाने के लिए इन चार आरोपियों में से एक आरोपी हनुमान भूमिज ने दी. इस अन्धविश्वासी को विश्वास था कि चार साल की बबच्ची की बलि दे देने से उसकी बेटी का खोया हुआ मोबाइल मिल जाएगा। यह घटना पिछले साल अक्टूबर माह की है, इसका पता तब चला जब 24 अक्टूबर के दिन उस लड़की सुनु गोदबा की हाथ कतई लाश पास के खेत में पाई गई।
पुलिस को शक था कि शरीर से जिस तरह से अंगों को अलग किया गया था और जिस तरह से उसे मारा गया था वह पूरी तरह से एक बलि का ही उदाहरण था। ये शक तब यकीन में बदला, जब उन्हें पता चला कि हनुमान भुमिज के घर एक खास पूजा को अंजाम दिया गया है।पुलिस ने आरीफउद्दीन अली और हनुमान भुमीज को गिरफ्तार कर लिया है और गब्बर सिंह और आरीफ के भाई जलालुद्दीन की तलाश अभी जारी है।