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आईएस को हवाला से भेजता था देश में जमा चंदा, एटीएस ने दबोचा

Published: Nov 17, 2016 10:17:00 am

प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को रुपए भेजने वाले आरोपित को ATS सीकर के फतेहपुर से गिरफ्तार किया है

Now Islamic State to be called Daish govt records,

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जयपुर। नई दिल्ली। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को रुपए भेजने वाले आरोपित को सीकर के फतेहपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपित दुबई में एक कम्पनी में असिस्टेंस फाइनेंस मैनेजर है। वह 15 दिन पहले भारत आया था। आरोपित मैनेजर दुबई में रहकर भारत और बांग्लादेश से हवाला से लाखों रुपए ईराक में बगदादी के पास पहुंचा चुका है। प्रारंभिक पूछताछ में राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, यूपी और कर्नाटक से रुपए जमा होने का खुलासा हुआ है। एटीएस की टीम देर शाम महाराष्ट्र व तमिलनाडु के लिए रवाना हो गई।

सीकर से मुंबई और दुबई कनेक्शन
एटीएस एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि जमील अहमद मूलत: सीकर के फतेहपुर का निवासी है। उसकी पत्नी व बच्चे मुंबई में रहते हैं। जमील 13 साल से दुबई में नौकरी कर रहा है। वह 2014 से आईएस से जुड़ा हुआ है। उसने सोशल नेटवर्किंग के जरिए भारत और बांग्लादेश में नेटवर्क बनाया था। उसके मोबाइल, लेपटॉप और पेन ड्राइव में भी इसके सबूत मिले हैं। मुम्बई में जमील ने सेंटर बना रखा था। उसे वित्त की अच्छी जानकारी होने पर फायनेंसियल टारगेट दिया है। राजस्थान में फंडिंग की रकम जमा करने वाले कई लोगों के नाम सामने आ गए हैं।

ऐसे पहुंचा पैसा
– भारत से 25 से ज्यादा बार आईएस को लाखों रुपए भेजे गए।
– हवाला के जरिए दुबई में जमील को यह रकम मिली।
– जमील ने रकम मनी एक्सचेंज से लेबनान भेजी।
– यहां से रकम बगदादी के पास मोसूल (इराक) पहुंची।

बगदादी के खास कमांडर से जुड़ा है
2014 में आईएस के गठन के बाद ही जमील उससे जुड़ गया। उसकी पहुंचे सीधे बगदादी तक थी। बगदादी के कई खास कमांडरों से पहली बार सोशलसाइट से जुड़ा। फिर आईएस के बनाए एप में भी जुड़ा। वह उनसे ट्विटर से भी सम्पर्क में हैं। उसे फायनेंशियल सपोर्ट और नेटवर्क की कमान मिली। जमील ने फंडिंग को नेटवर्क खड़ा करने को आईएस और जिहादी विचारधारों के लोगों को फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, स्योरस्पोट और किक के जरिए ढूंढा।

फर्राटे से बोलता है अंग्रेजी, कुवैत में भी रह चुका

एटीएस ने बताया कि जमील फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। वह 2003 में दुबई नौकरी करने गया था। उसे 3.60 लाख रुपए मासिक वेतन मिलता है। जमील ने बताया कि उसके पिता कुवैत में नौकरी करते थे। वह भी उनके साथ कुवैत में रहा और दसवीं तक वहीं पर पढ़ा।

जब सद्दाम ने कुवैत पर हमला किया तो उसके पिता को वहां से भारत लौटना पड़ा। उसकी पत्नी और पांच बच्चे मुम्बई में रहते हैं। वह अकेला ही दुबई में रहता है। यहां पर अक्सर आता-जाता रहता है। उसने हाल में
बेटी के पासपोर्ट के लिए आवेदन भी किया है। इसलिए आसानी से एटीएस की चाल कारगर साबित हुई।
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