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शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले को राहत नहीं दी जा सकती : SC

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऐसे घृणित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को किसी भी कीमत में कोई राहत नहीं दी जा सकती

Feb 10, 2016 / 05:35 pm

जमील खान

Supreme Court

Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में बुधवार को कहा कि शादीशुदा होने के बावजूद महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ अवैध संबंध बनाने वाले व्यक्ति को राहत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ से जुड़े एक मामले में दोषी टेकन राम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि विवाहित होने के बावजूद उसने न केवल एक महिला को शादी का झांसा दिया, बल्कि उसके साथ में आपने अवैध संबंध भी बनाए।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऐसे घृणित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को किसी भी कीमत में कोई राहत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोषी व्यक्ति शादीशुदा तो है ही, इसके साथ ही उसका एक बच्चा भी है। इस सब के बावजूद दोषी ने एक दूसरी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ में अवैध संबंध भी बनाए। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को पीडि़ता को हर महीने 8000 रुपए पुनर्वास के लिए देने के निर्देश भी दिए हैं।

शीर्ष कोर्ट ने दोषी टेकन राम की याचिका खारिज कर दी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दोषी को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसे दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 1995 में टेकन राम ने शादीशुदा होने के बावजूद एक महिला को शादी का झांसा दिया और अवैध संबंध बनाए। उसके बाद महिला ने टेकन राम के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था।

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