जासूसी: पेट्रोलियम मंत्रालय के 36 गोपनीय दस्तावेज हुए लीक
Published: Apr 21, 2015 10:28:00 am
जानकारी के अनुसार एस्सार इस काम के लिए मंत्रालय के कर्मचारियों को हर महीने 45 हजार रूपये देती थी
नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस आयोग ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि मंत्रालय के जो दस्तावेज लीक हुए थे, उसमें से बरामद 36 दस्तावेज गोपनीय और छिपाकर रखे गए थे। माना जा रहा है कि दस्तावेजों की हेराफेरी में शामिल व्यक्तियों पर ऑफिशयल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन का मामला दर्ज हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम जासूसी कांड से देशभर में सनसनी मच गई थी और चपरासी, क्लर्क से लेकर कई कम्पनियों के बड़े अधिकारी तक गिरफ्तार किए गए थे। जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेजों को एक बिजनेस हाउस को फायदा पहुंचाने के लिए लीक किया जा रहा था। आरोप पत्र के अनुसार कम से कम 23 दस्तावेज तो एक पूर्व पत्रकार से बरामद हुए थे।
इस मामले में पांच कॉरपोरेट कंपनियां जांच के दायरे में है। जानकारी के अनुसार मामले में दायर चार्जशीट के अनुसार पांचों कंपनियों में से एस्सार ने गोपनीय दस्तावेज लेने के लिए सबसे ज्यादा खर्ची। एस्सार इस काम के लिए मंत्रालय के कर्मचारियों को हर महीने 45 हजार रूपये देती थी। 47 पन्नों की चार्जशीट में बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए एनर्जी कंसल्टेंट जानकारी के लिए सबसे ज्यादा रकम खर्च करते थे।