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दादरी हत्याकांड : पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए देगी यूपी सरकार

Published: Oct 04, 2015 07:51:00 am

लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर दादरी घटना की समीक्षा करते हुए उन्होंने उच्च अधिकारियों से इस मामले की पूरी जानकारी ली

akhilesh yadav

akhilesh yadav

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौतमबद्धनगर जिले के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव की घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पीडित परिवार को 20 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है।

लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर दादरी घटना की समीक्षा करते हुए उन्होंने उच्च अधिकारियों से इस मामले की पूरी जानकारी ली। भविष्य में ऎसी घटना न हो, इसके लिए सभी उन्होंने अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दादरी घटना में मृतक मोहम्मद अखलाक के आश्रितों को पूर्व में दी गई 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 20 लाख रूपए किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से कड़ी पूछताछ की जाए और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना के संबंध में निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, इस मामले में राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों ने इसके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नफरत की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दादरी के बिसाहड़ा गांव में पीडित परिवार से मुलाकात की। बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि देश में कई दशकों के दौरान बने आपसी विश्वास और सौहार्द का माहौल नफरत की राजनीति की भेंट चढ़ रहा है।

गांधी ने कहा, मैं मोहम्मद अखलाक के परिजनों से मिला और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई दशकों के दौरान बना आपसी विश्वास और सौहार्द का माहौल नफरत की राजनीति के कारण बर्बाद हो रहा है। आपसी नफरत से देश कमजोर होता है। हमें एकजुट होकर नफरत की राजनीति करने वालों का मुकाबला करना चाहिए।

उधर, केजरीवाल ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया, कई नेताओं ने दादरी जाकर पीडित परिवार से मुलाकात की है, लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। अगर प्रधानमंत्री वहां जाकर पीडित परिवार और गांववालों को भरोसा दें तो लोगों को खुशी होगी।

उन्होंने कहा कि उन पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है। वह एकता और सौहार्द की राजनीति कर रहे हैं, जबकि आरोप लगाने वाले नफरत की राजनीति कर रहे हैं। हमारा मानना है कि हिंदुओं और मुसलमानों को एकजुट रहना चाहिए और वोट बैंक नहीं बनना चाहिए। नफरत की राजनीति करने वाले लोगों को बांटना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश काग्रेस कमेटी ने भी इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि यह एक सोची समझी चाल थी जिसमें साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा कर समाज में बांटा जा सके। उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार एवं भाजपा की समाज में विद्वेष फैलाने की नीति को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक मन्दिर से लाउडस्पीकर द्वारा आपत्तिजनक वातावरण बनाया गया जिसकी परिणति साम्प्रदायिक दंगों के रूप में हुई। इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर के हुए दंगे के लिए गठित की गई सहाय आयोग की रिपोर्ट आने के उपरान्त भी प्रदेश सरकार नहीं चेती।
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