संदिग्धों के पास से ट्राइसेटोन ट्राइपरऑक्साइड मिला, पेरिस-ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर हमले के दौरान इसी केमिकल का इस्तेमाल किया गया
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नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन आईएस भारत में पेरिस और ब्रसेल्स जैसों हमलों की तैयारी में था। इस खुलासा हैदराबाद से गिरफ्तार आईएस के पांच संदिग्धों की जांच में पता चला है। इस संदिग्धों के पास से ट्राइसेटोन ट्राइपरऑक्साइड मिला है। बता दें कि पेरिस और ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर हमले के दौरान इसी केमिकल का इस्तेमाल किया गया था। भारत में इस खतरनाक विस्फोटक मिलने का यह पहला मामला है। इन संदिग्धों के निशाने पर पुलिस स्टेशन, मंदिर, पब्लिक प्लेसेस और वीवीआईपी थे।
एनआईए को यह विस्फोटक अब्दुल्ला बिन अहमद अल अमूदी उर्फ फहाद के घर के अंदर बने तहखाने से मिला है। फहाद एनआईए द्वारा पकड़े गए युवकों में से एक है। फहाद के घर पर छापेमारी के दौरान एनआईए को करीब 200 लीटर एसिटो, हाइड्रोजन परऑक्साइड और सलफ्यूरिक एसिड की बोतलें मिली थीं। इतने सामान से 40-50 आईआईडी बनाने के लिए काफी थे। यह विस्फोटक इसलिए भी और खतरनाक है कि इसमें धमाके के लिए परंपरागत मेटल डेटोनेटर की जरूरत नहीं होती है। इसी वजह से यह सुरक्षा जांच के परंपरागत तरीकों को छकाने में कामयाब होता है।
सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध आईएस आतंकियों की योजना एक पुलिस स्टेशन को निशाना बनाने की थी। जांचकर्ताओं का कहना है कि याजदानी को सीरिया के रहने वाले शफी अरमर से निर्देश मिल रहे थे। इस मॉड्यूल ने एसिटोनए हाइट्रोजन प्रोऑक्साइड और सलफ्यूरिक एसिड की भारी मात्रा का इंतजाम कर लिया था।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक खुफिया अधिकारी का कहना था कि हैदराबाद के पुराने शहर में तीन से चार स्थानों पर छापेमारी में 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। इस छापेमारी में स्थानीय पुलिस ने एनआईए की मदद की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि आईएस रमजान के पाक महीने में दंगा भड़काने की साजिश रच रहा था। इसके लिए चारमीनार के पास मंदिर में गोमांस रखने की भी योजना थी। जांच एजेंसी के मुताबिक आईएस का हैदराबाद से गिरफ्तार युवा आईएस के हैंडलर शफी अरमर के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे। इन युवकों पर पिछले 4-5 महीनों से एनआईए नजर बनाए हुए था।