दिल्ली पुलिस का आरोप, आप सरकार ने पोस्टमोर्टम में की देरी
Published: Apr 30, 2015 12:15:00 am
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुुताबिक, आप नेता उत्त्तेजक भाषण दे रहे थे और
रैली में मौजूद भीड़ ने गजेंद्र को आत्महत्या करने के लिए उकसाया
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या की रिपोर्ट सौंप दी है। पुलिस ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) और जंतर मंतर पर मौजूद भीड़ को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुुताबिक, आप नेता उत्त्तेजक भाषण दे रहे थे और रैली में मौजूद भीड़ ने गजेंद्र को आत्महत्या करने के लिए उकसाया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि आप ने रैली स्थल को जंतर मंतर की जगह राम लीला मैदान में करने के अनुरोध को भी ठुकरा दिया।
पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि गजेंद्र की मौत के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त नई दिल्ली जिले के उपखंड अधिकारी (एसडीएम) ने पुलिस को शव का पोस्टमोर्टम नहीं करने के लिए कहा था। रिपोर्ट मे पुलिस ने आरोप लगाया कि चाणक्यपुरी के एसडीएम शव के पोस्टमोर्टम में देरी करवाना चाहते थे, लेकिन इसके लिए वह कोई आधिकारिक आदेश पेश नहीं कर सके।
हालांकि, पुलिस के इन आरोपों को गजेंद्र की मौत की न्यायिक जांच कर रहे जिला मजिस्टे्रेट (नई दिल्ली) संजय कुमार ने सिरे से खारिज कर दिया। कुमार ने कहा कि हम क्यों चाहेंगे की पोस्ट मोर्टम में देरी हो। हालांकि, जब हम अस्पताल पहुंचे तो पुलिस ने हमारे प्राधिकार को ही मानने से इनकार कर दिया। पुलिस तो हमें किसान का नाम तक नहीं बताया। मुझे नहीं पता की वे ऎसा क्यों कह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले 41 वर्षीय गजेंद्र सिंह ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में आप की रैली में पेड़ से लटकर अपनी जान दे दी थी। मौके से मिले सुसाइड नोट में उसने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण फसल चौपट हो गई थी जिसके चलते उसके पिता ने उसे घर से निकाल दिया था।