scriptगुजरात : 2002 सरदारपुरा हिंसा के 14 आरोपी बरी | Gujarat : HC acquits 14 out of 31, accused of violence in 2002 riots | Patrika News

गुजरात : 2002 सरदारपुरा हिंसा के 14 आरोपी बरी

Published: Oct 20, 2016 07:41:00 pm

महेसाणा स्थित विशेष अदालत ने नवंबर 2011 में 31 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी

Guj HC

Guj HC

अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाए जाने के की घटना के एक दिन बाद फैले राज्यव्यापी दंगों के दौरान महेसाणा जिले के सरदारपुर गांव में अल्पसंख्यक समुदाय की 22 महिलाओं समेत 33 लोगों को जला कर मारने के 31 आरोपियों में से 14 को गुरुवार को बरी कर दिया। गुजरात दंगों के जिन नौ सबसे वीभत्स मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की थी उनमें से यह पहला मामला था जिसमें कोर्ट का फैसला आया था।

महेसाणा स्थित विशेष अदालत ने नवंबर 2011 में 31 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अन्य 42 को बरी कर दिया गया था। इस मामले में कुल 76 आरोपी थे जिनमें से दो की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जबकि एक नाबालिग के खिलाफ मामला अलग से चल रहा है। शेष 73 के खिलाफ जून 2009 में आरोप पत्र दायर हुआ था। हाई कोर्ट की जज न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति वीरेन्द्र वैष्णव ने इस मामले में दायर विभिन्न अपीलों पर अपना फैसला सुनाते हुए 14 दोषियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने 17 अन्य की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।

एसआईटी ने सुनवाई के दौरान विशेष अदालत की तरह ही हाई कोर्ट में भी दलील दी थी कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी। इसने कहा था कि 28 फरवरी और एक मार्च 2002 की दरम्यानी रात वीजापुर तालुका के सरदारनगर गांव में भीड़ ने एक सोची समझी साजिश के तहत एक घर में छुपे 33 लोगों जिनमें 22 महिलाएं शामिल थी, को जला दिया था। विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और एसआईटी ने हाई कोर्ट में अपील की थी और कुछ पीडि़तों ने भी कुछ आरोपियों को बरी किए जाने को चुनौती देते हुए अपील की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो