कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों की टीम ने की गर्भवती लड़की की जांच, डॉक्टरों ने कहाः बच्चे के जन्म देने से लड़की के जीवन को हो सकता है खतरा
नई दिल्ली। गुजरात में
दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई 14 साल की लड़की का शुक्रवार
गर्भपात किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस बारे में डॉक्टरों को जरूरी फैसला लेने की इजाजत दी थी। कहा था कि अगर डॉक्टरों को जरूरी लगता है तो वह पीडिता का गर्भपात कर सकते हैं। डॉक्टरों ने कोर्ट के आदेश पर गुरूवार को लड़की की जांच की। डॉक्टरों की रिपोर्ट में कहा कि बच्चे को जन्म देने से लड़की के जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। इससे पहले
गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भपात की मंजूरी नहीं दी थी।
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि डॉक्टर अनुमति दें तो 24 सप्ताह यानि लगभग छह महीने की गर्भवती लड़की गर्भपात करा सकती है। कोर्ट ने यह फैसला गुजरात की एक 14 वर्षीय रेप पीडिता के गर्भपात कराने की अनुमति देने की अपील पर दिया था।
जस्टिस अनिल आर दवे और कुरियन जोसेफ की बैंच ने कहा कि, हमारे दिमाग में लड़की के हित का मुद्दा है, लेकिन हम यह भी जानते हैं कि उसके अंदर एक जिंदगी भी है। हम उसके लिए कुछ करना चाहते हैं और इसलिए हम उसके लिए नया रास्ता निकालने का इरादा रखते हैं। डॉक्टर और साइकोलॉजिस्ट की टीम यह निर्णय लेगी कि गर्भपात लड़की की जिदंगी के लिए जरूरी है या नहीं। यदि उन्हें ऎसा लगता है तो फिर गर्भपात किया जाना चाहिए। इस मामले में लड़की की मानसिक स्थिति का भी अवलोकन किया जाएगा।
डॉक्टर ने किया था रेप10वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की से उसके डॉक्टर से फरवरी में दुष्कर्म किया था। वह टायफायड का इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने दुष्कर्म के बाद दर्द कम करने की दवा दे दी और इस बारे में किसी को बताने पर धमकाया। लड़की ने जब पेटदर्द की शिकायत की और घरवाले डॉक्टर को दिखाने ले गए तो सारा मामला खुला।