तय वक्त पर UN कमेटी में विशेषज्ञ मनोनीत नहीं कर सका भारत
Published: Feb 10, 2016 09:23:00 am
यूएन की इस महत्वपूर्ण कमेटी के लिए एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट और मुद्दे के विशेषज्ञ की तलाश करने की कोशिशें जारी है
नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत प्रतिबंध लगाने वाली कमेटी में अपना विशेषज्ञ नियुक्त करने का मौका गंवा दिया है। विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए प्रारम्भिक समय सीमा खत्म हो चुकी है। इसी कमेटी के जरिए पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूएन कीप्रतिबंधों की सूची में डाले जाने की भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है, हालांकि यूएन की इस महत्वपूर्ण कमेटी के लिए एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट और मुद्दे के विशेषज्ञ की तलाश करने की कोशिशें जारी है।
सूत्रों के अनुसार विशेषज्ञ मनोनीत करने के लिए प्रारम्भिक समयसीमा जनवरी में थी और यूएन ने नाम भेजे जाने के लिए एक पखवाड़े का समय दिया था। सूत्रों के अनुसार ऐसे नामांकनों के लिए भारत की आंतरिक प्रक्रिया काफी लम्बी है और कई निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने की जरूरत होती है।
गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि वर्तमान में कमेटी में नियुक्त करने के लिए योग्य व्यक्ति की तलाश जारी है। यदि सेवारत अधिकारियों में से कोई विशेषज्ञ कमेटी में भेजे जाने योग्य नहीं पाया गया तो मंत्रालय रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स में से किसी का चयन कर सकता है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक व्यक्ति के नाम का हमने प्रस्ताव किया है। इस बारे में जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक 1267 कमेटी में एक्सपर्ट मनोनीत करने के पीछे आइडिया यह है कि इस अहम इकाई की कार्यवाही का जायजा लिया जा सके, जिसने जैश-ए-मोहम्मद पर तो पाबंदी लगाई है, लेकिन इसके चीफ पर नहीं। संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन चीन ने 2009-10 में अजहर को आतंकवादी घोषित करने की भारत की कोशिश को नाकाम कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, पठानकोट आतंकी हमले के बाद भारत सरकार को फिर से जैश के सरगना पर पाबंदी लगाने की मांग करने का मौका मिला है, जिसे पाकिस्तान में खुली छूट मिली हुई है।