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आईपीएल फिक्सिंग : अदालत ने पुलिस की थ्योरी पर जताया संदेह

Published: Apr 20, 2015 11:13:00 pm

अभियोजन पक्ष का जवाब था कि सट्टेबाजी अपने आप में कोई अपराध नहीं है,
लेकिन एक अवैध गतिविधि के अंतर्गत आता है

IPL spot fixing

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नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में हुए स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि आरोपियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में मैच फिक्स करने से संबंधित कोई जिक्र नहीं है।

आरोपियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि उनकी बातचीत से उनके एक आपराधिक गिरोह से संबद्ध होने और मैच फिक्सिंग में संलिप्त का स्पष्ट संकेत है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्ण ने कहा, आरोपियों के बीच जिस बातचीत का आप हवाला दे रहे हैं, उसमें कहीं से भी मैच फिक्सिंग की कोई बात नहीं है। उसमें केवल सट्टेबाजी से जुड़ी बाते हैं। उसमें मैच फिक्सिंग के संबंध में कोई जिक्र नहीं है।

न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष से सट्टेबाजी के अवैध होने से जुड़े सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा, क्या सट्टेबाजी अपने आप में एक अपराध है? अभियोजन पक्ष का जवाब था कि सट्टेबाजी अपने आप में कोई अपराध नहीं है, लेकिन एक अवैध गतिविधि के अंतर्गत आता है। अदालत ने मामले की सुनवाई आठ मई तक के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 30 जुलाई, 2013 को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसमें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग षडयंत्र के पीछे दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील का हाथ होने की बात कही गई।
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