एनआईए ने यह भी संकेत दिया है कि स्वयंभू आतंकी सरगना ने भारत विरोधी आतंकी संगठनों से गहरे संबंध भी बना लिए हैं।
नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने मुंबई में चार लोगों को देश पर हमला करने के लिए भर्ती किया। यह खुलासा नेशनल इवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने किया है। एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि स्वयंभू आतंकी सरगना ने भारत विरोधी आतंकी संगठनों से गहरे संबंध भी बना लिए हैं।
ऎसा पहली बार है कि किसी भारतीय एजेंसी ने ऑन रिकार्ड देश पर आईएसआईएस के हमले की योजना का खुलासा किया है। एनआईए ने आईएसआईएस में भर्ती किए गए कल्याण के युवक अरीब मजीद के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में कहा है कि आईएसआईएस ने दूसरे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर भारत और एनआरआईज की भर्ती की है। इन नई भर्तीयों के साथ यह आतंकी संगठन ईराक और सीरिया ही नहीं बल्कि भारत सहित अन्य देशों में हमले करना चाहता है।
चार्जशीट में में भारत पर हमले की बात दो बार कही गई है। मजीद, फहाद शेख, अमन टंडेल और शाहीम टंकी का नाम लेते हुए कहा है कि जनवरी 2014 से नवंबर 2014 के दौरान इन चारों ने एक लक्ष्य और इरादे से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवंट (आईएसआईएल) में शामिल हुए। सीरीया में आईएसआईएल में शामिल होने के बाद इन चारों की ट्रेनिंग हुई जिसमें इन्हें हथियार और गोला-बारूद चलाना सिखाया गया। इसी दौरान इनसे ईराक और सीरिया में आतंकी गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। जांच एजेंसी को मिली सूचना के मुताबिक आईएसआईएस ना केवल भारतीय नागरिकों को आतंकियों के रूप में भर्ती करना चाहता था बल्कि विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भी जिहाद के नाम पर आतंकी बनाना चाहता था।
चार के अलावा भी कई नाम सामने आएएनआईए की चार्जशीट में भारत से सीरिया गए इन चार युवकों के अलावा भी कई और नाम शामिल है। चार्जशीट में कहा गया है कि ताहिरा भट्ट और अबू फातिमा मुस्लिम युवकों को सीरिया में आईएसआईएस में शामिल होने में पूरी मदद की। इसी चार्जशीट में अफगानिस्तान के रहमान दवालते और कुवैत के अब्दुल्ला हदी अब्दुल रहमान अलेनेजी का नाम भी शामिल है जिन्होंने इन चारों युवकों को सीरिया पहुंचने के लिए 1000 डॉलर की मदद की थी।