जम्मू-कश्मीर सरकार ने 63 “भ्रष्ट” नौकरशाहों को हटाया
Published: Jul 01, 2015 06:11:00 pm
एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, प्रशासन को साफ करने का काम उसी
दिन शुरू हो गया था, जब इस साल पहली मार्च को नई सरकार ने सत्ता संभाली थी
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने 63 अधिकारियों को रातोंरात उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम में जबरन सेवानिवृत्ति दे दी। इससे संबंधित पत्र उनके आवासों/दफ्तरों में सीलबंद लिफाफे में मंगलवार देर शाम तक पहुंचाए गए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी है, उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। राज्य के मुख्य सचिव मुहम्मद इकबाल खांडे ने ऎसे अधिकारियों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को सौंपी थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, प्रशासन को साफ करने का काम उसी दिन शुरू हो गया था, जब इस साल पहली मार्च को नई सरकार ने सत्ता संभाली थी। यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके जरिये यह संदेश दिया जाएगा कि नौकरशाह लोगों की सेवा के लिए हैं, न कि उन्हें लूटने के लिए।
सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने इस कदम के बारे में संवाददाता सम्मेलन कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है, उनमें राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारी, इंजीनियर और अधीनस्थ सेवा के कुछ अधिकारी हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति से संबंधित पत्र भेजे गए हैं, उन्हें तीन माह के वेतन के बराबर रूपयों का चेक भी भेजा गया है। एक सूत्र ने बताया, “सभी अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता विभाग में आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति एकत्र करने का मामला लंबित है।