नई दिल्ली। देशद्रोह के मामले में आरोपी जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उसके साथी उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य की अंतरिम जमानत को रेगुलर कर दिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीनों छात्रों को शुक्रवार को नियमित जमानत दे दी।
ये सभी अभी तक दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से मिली 6 महीने की अंतरिम जमानत पर बाहर थे। कोर्ट ने ये जमानत उन्ही शर्तों पर दी है जिन पर हाई कोर्ट ने पहले अंतरिम जमानत दी थी। दिल्ली पुलिस की तरफ से अदालत में कहा गया कि कन्हैया और उसके साथियों ने अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है। कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान ने अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया।
हालांकि, दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि जमानत प्रदान करने की सूरत में आरोपियों पर जरूरी शर्तें लगाई जानी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह की अदालत ने शनिवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन शुक्रवार शाम को ही अदालत ने तीनों को स्थायी जमानत प्रदान कर दी।
इससे पूर्व कन्हैया ने जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उसे पहले सत्र अदालत में जाने की सलाह देते हुए अदालत ने याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया था। हाई कोर्ट ने दो मार्च को कन्हैया को छह माह के लिए सशर्त अंतरिम जमानत दी थी।
वहीं, 18 मार्च को सत्र अदालत ने उमर और अनिर्बान को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती पर छह माह के लिए सशर्त जमानत प्रदान की थी। मालूम हो कि कन्हैया कुमार को 8 फरवरी को जेएनयू कैंपस में कार्यक्रम के दौरान तथाकथित तौर पर लगे राष्ट्र विरोध नारों के मामले में देशद्रोह के मामले में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।