scriptपत्रकार की मां की मौत के बाद छावनी बना गांव, जानिए पूरा सच… | Lucknow: Exclusive story on the death of journalist's mother from Barabanki | Patrika News

पत्रकार की मां की मौत के बाद छावनी बना गांव, जानिए पूरा सच…

Published: Jul 07, 2015 10:41:00 pm

पत्रकार की मां को कहीं पुलिस ने इसलिए जलाकर नहीं मार डाला कि रिपोर्टर की कलम न चले…

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अनिल के अंकुर
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे हुए बाराबंकी जिले का गढ़ी गाहा गांव आज पूरी तौर से छावनी में तब्दील हो गया था। एसपी डीएम और ढेर सारी पुलिस इस बात का द्योतक थीं कि कहीं तो कुछ गड़बड़ है। गांव में सन्नाटा था, नीतू की डेड बॉडी अंत्येस्टि के लिए जा चुकी थी।


पत्रकार संतोष द्विवेदी के घर के सामने क्षेत्रीय सांसद प्रियंका रावत से लेकर सारे नेता और अधिकारी अड्डा जमाए हुए थे। कभी डीएम साहब मोबाइल पर बात करते-सर मैं गांव में ही हूं, सब ठीक है। बात चल रही है, मान जाने की उम्मीद है।


डीएम साहब बात कर ही रहे थे कि कुछ लोगों का शोर हुआ, सब एसपी पर नाराज थे। तब ही एसपी ने अपने मोबाइल को ऑन किया- जय हिन्द सर, मौके पर आ गया हूं, डीएम साहब बात कर रहे हैं। उम्मीद है सब ठीक हो जाएगा।


गाहा गांव के एक स्थानीय अखबार के रिपोर्टर संतोष द्विवेदी की मां नीतू द्विवेदी की सोमवार को गढी थाने की पुलिस ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी, मंगलवार सुबह उनकी मौत लखनऊ के अस्पताल में हो गई।

शाहजहांपुर में पिछले महीने एक पत्रकार को एक दरोगा ने कथित रूप से जलाकर मार दिया था और अब प्रदेश की राजधानी से सटे हुए जिले में हुई इस घटना ने सब को हिलाकर रख दिया है।


घटना के पीछे का सच

दरअसल, पत्रकार संतोष द्विवेदी गढी क्षेत्र से रिपोर्टिंग करते थे और इलाके की पुलिस उनकी रिपोर्टिंग पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही थी ताकि पुलिसिया कारनामे उजागर न होने पाएं। जब संतोष नहीं माने तो पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा लिखा। यह उनके खिलाफ पहला मुकदमा था। इसका विरोध उन्होंने ऊपर तक किया।


मामला शांत हुआ तभी पास के गांव में रहने वाले संतोष के मौसा का उनके पड़ोसी से झगड़ा हो गया। पड़ोसी अपनी पत्नी को मारता था तो संतोष के मौसा ने बीच बचाव किया और मामला इतना बढ़ गया कि इस झगड़े में गोली चल गई। मौसा द्वारा चलाई गई गोली में एक व्यक्ति घायल हो गया।


इस मामले से पुलिस को संतोष को घेरने का एक और मौका मिला, वह संतोष के पिता को थाने में ले आई और कहा कि अगर मौसा को पेश न कराया तो उसे बंद कर देंगे। इसका विरोध करने संतोष की मां नीतू द्विवेदी थाने पहुंची और कहा कि गिरफ्तार करना है तो उन्हें करो जिनसे झगडा हुआ है। इस पर पुलिस थाने के दरोगा और सिपाहियों ने नीतू से बदसलूकी शुरू कर दी। वहीं उन पर किसी ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आग से ज्यादा जल जाने के कारण मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई।


कहा जा रहा है कि पुलिस ने पेट्रोल डालकर आग लगाई थी। इसके बाद क्या था सारी नेता नगरी गाहा गांव में पहुंच गई। धरना प्रदर्शन शुरू हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया और पत्रकार संतोष द्विवेदी के परिवार की मांगों को पूरा करने का वादा पुलिस ने किया।
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