script“महिला का शरीर उसका मंदिर, रेप मामलों में समझौता गलत” | Mediation in rape case against victim's pride: Supreme court | Patrika News

“महिला का शरीर उसका मंदिर, रेप मामलों में समझौता गलत”

Published: Jul 01, 2015 03:01:00 pm

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बारे में निचली अदालत का फैसला उसकी भारी भूल व असंवेदनशीलता को दर्शाता है

Supreme Court

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि दुष्कर्म के मामले में विवाह पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने निचली अदालत के एक फैसले को चुनौती देने वाली मध्य प्रदेश सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें दुष्कर्मी को विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लेने पर मामले से बरी कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि दुष्कर्म के आरोपी तथा पीडिता के बीच विवाह के नाम पर समझौता वास्तव में महिलाओं के सम्मान से समझौता है। साथ ही यह इस तरह के समझौते कराने वाले पक्ष की असंवेदनशीलता का भी परिचायक है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर वह उदार रवैया नहीं अपना सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बारे में निचली अदालत का फैसला उसकी भारी भूल व असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जिसने विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लिए जाने के बाद दुष्कर्मी को मामले से बरी कर दिया।
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