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दिलचस्प! शतक के बावजूद इस खिलाड़ी पर कप्तान हुए गुस्सा, दूसरी पारी में नहीं करने दी बल्लेबाजी

Published: Nov 18, 2015 05:58:00 pm

Submitted by:

balram singh

वेस्टइंडीज के 93 साल के एंडी गंटॉमे वो खिलाड़ी रहे हैं जिन्हें शतक बनाने पर अपने कप्तान के गुस्से का सामना करना पड़ा।

अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाने की हर बल्लेबाज की चाहत होती है पर एक ऐसे भी बल्लेबाज हुए हैं, जिनका शतक ही उनको टीम से बाहर करवाने का कारण बना।

अपने पहले मैच में शतक लगाने का मतलब है कि आप मैचों में टीम का हिस्सा बने रहेंगे और होता भी ऐसा ही आया है कि जिन्होंने अपने पहले मैच में शतक लगाया, वो कई मैचों में टीम में बने रहे।

पर वेस्टइंडीज के 93 साल के एंडी गंटॉमे वो खिलाड़ी रहे हैं जिन्हें शतक बनाने पर अपने कप्तान के गुस्से का सामना करना पड़ा। उनके कप्तान उन पर इतना गुस्सा हुए की दूसरी पारी में उनको बल्लेबाजी से ही मना कर दिया।

शानदार आगाज
1948 में इंग्लैंड के विरूद्ध एंडी को अपना एकमात्र टेस्ट खेलने का मौका मिला था। विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में टीम में आए एंडी ने इस मैच में शानदार शतक लगाया। एंडी के टेस्ट मैचों का औसत 112 का है जो डॉन ब्रेडमैन के 99.96 से ज्यादा है।

टीम से बाहर करने का कारण

एंडी गंटॉमे को टेस्ट टीम में एक खिलाड़ी के चोटिल होने के कारण लिया गया था। जब वह बल्लेबाजी करने उतरे तो लोगों ने ताली बजाकर इस नए बल्लेबाज का स्वागत किया। इन्होंने शतक लगा कर दर्शकों के निराश नहीं किया पर उनके इस शतक से उनकी ही टीम को हार का सामना करना पड़ा।

इनका शतक इतना धीमा था कि इनकी टीम जीती हुई बाजी हार गई। इनकी धीमी बल्लेबाजी का आलम यह था कि इनके कप्तान परेशान हो गए थे और एक खिलाड़ी को बार बार मैदान पर भेजकर इनको तेज खेलने को कह रहे थे लेकिन एंडी नहीं माने और उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा।

शुरुआत में दर्शक इनके लिए ताली बजा रहे थे पर इनकी बल्लेबाजी को देख कर दर्शक भी गुस्सा हो गए और जोर जोर से इनको आउट होने के लिए कहने लगे। दर्शकों का उस समय कहना था कि इनकी बल्लेबाजी से तो टीम की हार ही अच्छी है।

उस दिन उन्होंने अपने शतक के लिए विकेट पर तकरीबन 270 मिनट बल्लेबाजी की और 112 रन बनाकर आउट हुए। टीम हार रही थी पर टीम के कप्तान इतना गुस्सा हुए कि दूसरी पारी में इन्हें बल्लेबाजी के लिए ही नहीं बुलाया।

इसके बाद उन्हें टीम में 9 साल बाद एक बार फिर जगह मिली पर उनके कप्तान ने उनको प्लेइंग इलवेन में जगह ही नहीं दी।

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