सूत्रों के अनुसार पठानकोट आतंकी हमले के तार कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी अजहर मसूद के साथ जुड़े होने के संकेत मिले हैं
चंडीगढ़। पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले की साजिश कई वर्षों से रची जा रही थी। प्रारंभिक जांच में इस बात के प्रबल संकेत मिले हैं। पठानकोट हमले को लेकर पंजाब पुलिस जितनी सुस्त रही सैन्य बल उतने ही सक्रिय दिखाई दिए। एक निजी टीवी चैनल के हवाले से आई खबर के अनुसार पठानकोट आतंकी हमले के तार कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी अजहर मसूद के साथ जुड़े होने के संकेत मिले हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि वर्ष 1999 में भारत-पाकिस्तान समझौते दौरान छोड़े गए अजहर मसूद ने पठानकोट हमले की साजिश रची है।
बताया जा रहा है कि पठानकोट के एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने पाकिस्तान के बहावलपुर में सैटेलाइट फोन के जरिए बातचीत की थी। खुफिया सूत्रों के मुताबिकए अजहर बहावलपुर में ही रहता है। वो जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग देता है। एजेंसियों को शक है कि आतंकियों ने मसूद अजहर से ही बातचीत की थी। ये बातचीत कोडवर्ड में हुई थी। आपको बता दें कि मसूद अजहर जैश का वो आतंकी है जिसे, 17 साल पहले 1999 में कांधार हाईजैक मामले में भारत ने रिहा किया था। 24 दिसंबर 1999 को 5 हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के हवाई जहाज आईसी-814 को हाइजैक कर लिया। हरकत.उल.मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया। भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए जिन तीनों आतंकियों को छोडऩे का फैसला किया था उन्हीं में से एक है मसूद अजहर।
वहीं सूत्रों के अनुसार पहले भी इस तरह का हमला किए जाने का प्रयास किया गया है। बहरहाल एनआईए समेत कई एजेंसियों द्वारा इस घटनाक्रम की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ पंजाब पुलिस द्वारा इस मामले में कदम-कदम पर कोताही बरते जाने की चर्चा धीरे-धीरे पुष्ट होती जा रही है। इस घटना को लेकर पंजाब पुलिस के मुकाबले सेना कहीं अधिक गंभीर दिखाई दी। जिसके चलते यह दावा किया जा रहा है हमले की आशंका के चलते एनएसजी की टीम सोमवार रात को ही पठानकोट के लिए रवाना हो चुकी थी। देररात एनएसजी की टीम पठानकोट में पहुंच भी चुकी थी। सूत्रों के अनुसार सेना द्वारा आज सुबह से पठानकोट के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाना था। इससे पहले ही यह हमला हो गया।