सीबीआई ने रेलवे में माल ढुलाई में घटतौली के कारण साढ़े 42 अरब रुपये के एक बड़े घोटाले का पता चला है।
नई दिल्ली। सीबीआई ने रेलवे में माल ढुलाई में घटतौली के कारण साढ़े 42 अरब रुपये के एक बड़े घोटाले का पता चला है। इस घोटाले का पता चलने के बाद 17 अप्रैल को देश के 65 मालगाड़ी के भारोत्तोलन प्रणालियों की जाँच की गई जिसमें इलैक्ट्रानिक माल भारोत्तोलन सेतु में गड़बड़ी के जरिये घटतौली की बात सामने आई है। जाँच में इसके जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों और ईआईएमडब्ल्यूबी का संचालन करने वाले निजी ठेकेदारों की पहचान की गई है। इस बीच रेलवे ने सीबीआई के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी है।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एक जांच अभियान में पाया कि रेलवे में वर्ष 2012-13 के दौरान इलैक्टॉनिक गति सहित भारोत्तोलन सेतु (ईआईएमडब्ल्यूबी) के सॉफ्टवेयर में गडबड़ी करके देश के तमाम स्थानों पर भार कम बताया जा रहा था। इसके अलावा कई जगह मैनुअल इंट्री के माध्यम से गड़बड़यिाँ की गईं जिससे रेलवे को दोहरा नुकसान हुआ। एक तो राजस्व का नुकसान हुआ, दूसरा फुल लोङ्क्षडग की दशा में ज्यादा भार का माल ढोने से पटरियों पर बुरा असर पड़ा।
रेलवे विजीलेंस की ने भी की जांच
इस अभियान में रेलवे का विजीलेंस विभाग एवं डिजीटल फोरेन्सिक विशेषज्ञ शामिल थे। उनका आकलन है कि इससे उक्त वर्ष में 4267 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है। वर्ष 2012-13 में रेलवे ने 100.8 करोड़ टन माल ढुलाई की थी जिससे उसे 85262 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी जो रेलवे की कुल आय का 67 प्रतिशत रही। रेलवे ने देश भर में ऐसे ईआईएमडब्ल्यूबी सेतु लगाये हैं जिन पर यदि कोई मालगाड़ी 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजरे तो गाड़ी का सही वजन आ जाता है। अगर गति बढ़ा दी जाये तो वजन कम दर्ज होता है। घोटालेबाजों ने इस तरीके का भी इस्तेमाल किया है।
सीबीआई और रेलवे विजीलेंस की संयुक्त कार्रवाई
रेलवे के प्रवक्ता अनिल कुमार सक्सेना ने कहा कि सिस्टम को कारगर बनाने और यदि कोई अनियमितता होती है तो उसे रोकने के लिए रेलवे का सर्तकता विभाग सीबीआई के साथ मिलकर काम करता है। रेलवे सीबीआई के साथ मिलकर काम करेगा और इस मामले में सच सामने लाने के लिए सीबीआई को हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि सिस्टम को प्रभावशाली बनाने और इसमें पारदर्शिता लाने के लिए लगातार प्रयास करना हमारी जिम्मेदारी है।