बेवफा लड़कियां, छत्तीसगढ़ में 119 युवकों ने की आत्महत्या
Published: Jul 28, 2015 04:37:00 pm
बदलती जीवनशैली और प्रेम संबंधों में बिखराव से युवा तनाव से घिर जाते हैं फिर वो हताशा में खुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं
रायपुर। मैं दुनिया भुला दूंगा, तेरी चाहत में, ओ दुश्मन जमाना मुझे ना भुलाना, मैं खुद को मिटा दूंगा तेरी चाहत में…फिल्म ‘आशिकी’ के इस गीत के बोल जैसा ही दर्द यहां मोहब्बत में नाकाम रहने वाले युवाओं ने भोगा। वर्ष 2014 के दौरान प्रदेश के 165 युवक-युवतियों ने प्रेम संबंध के चलते मौत को गले लगा लिया। इन्हें न तो दुनिया मिली और न ही विसाल-ए-सनम। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की आत्महत्याओं में छत्तीसगढ़ देश में नौवें स्थान पर है।
युवक नहीं झेल पाते तनाव
एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में प्रेम संबंधों की विफलता का तनाव ज्यादा युवकों ने झेला। ऐसे ही मामलों में पिछले साल 119 युवकों ने खुदकुशी कर ली। जबकि 46 युवतियों ने भी अपनी जान दे दी। दुर्ग-भिलाई में सामान्य आत्महत्या के मामले राजधानी की तुलना में कहीं ज्यादा हैं, लेकिन इनमें एक भी मामला प्रेम प्रसंग को लेकर नहीं है। दुर्ग-भिलाई में इनकी संख्या 311 थी। रायपुर में 300 आत्महत्या के मामले आए। इनमें 14 युवक-युवतियों की मौत में प्रेम एक वजह थी।
परिवार का संरक्षण जरूरी
समाज विज्ञानियों के अनुसार आमतौर पर प्रेम विवाह को समाज आसानी से नहीं स्वीकार करता है। बदलती जीवनशैली और प्रेम संबंधों में बिखराव से युवा तनाव से घिर जाते हैं फिर वो हताशा में खुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं। मनोवैज्ञानिक डॉ. सोनिया परियल का कहना है कि युवाओं में निराशा सहने की क्षमता कम होती जा रही है। प्रेम संबंध टूटने के बाद वे अकेला महसूस करते हैं। ऐसे में युवाओं को परिवार से इमोशनल सिक्योरिटी और सपोर्ट की जरूरत होती है।