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शीना बोरा केस : एसपी के कहने पर नहीं दर्ज हुई थी एफआईआर

Published: Sep 17, 2015 08:54:00 pm

पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मिर्गे का कहना है कि रायगढ़ के एसपी आर डी शिंदे ने उन्हें शव मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के
लिए कहा था

Sheena Bora

Sheena Bora

मुंबई। हाई प्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस में अब एक नया मोड़ आ गया है। महाराष्ट्र के एक पुलिसकर्मी ने दावा किया है मई 2012 में शव मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने से मना किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मिर्गे का कहना है कि रायगढ़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) आर डी शिंदे ने उन्हें शव मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के लिए कहा था।

मिर्गे ने अपने बयान में कहा है कि महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पेन जंगल में शीना का शव मिला था, तभी हमें शक हो गया था कि कुछ गड़बड़ है। मजे की बात यह है कि जब शव मिला था, तब मिर्गे जांच अधिकारी थे।

हालांकि, शीना बोरा इस मामले में मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थी। उसकी कथित तौर पर 2012 में हत्य कर दी गई थी और शव को रायगढ़ के जंगल में फेंक दिया गया था। लेकिन, मामला हाल ही में सामने आया था।

मिर्गे ने दावा किया कि जली हुई सुटकेस और आधा जला शरीर मिलने के बावजूद उस वक्त के रायगढ़ एसपी आर डी शिंदे ने एफआईआर या फिर दुर्घटना रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के आदेश दिए थे, जबकि शव मिलने के बाद इस बात के पुख्ता संकेत मिल रहे थे कि कुछ गड़बड़ जरूर है।

गौरतलब है कि मिर्गे का यह बयान तब आया है जब महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजीव दायल ने यह जानने के लिए जांच के आदेश दिए हैं कि कहीं मामले को 2012 में दबाने की तो कोशिश नहीं की गई थी।

इंद्राणी मुखर्जी पर आरोप है कि उसने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय के साथ मिलकर अप्रेल 2012 में शीना की हत्या कर दी थी। इंद्राणी ने अपने पति और स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी से भी यह बात छुपाई थी की शीना और मिखाइल उसके बच्चे हैं, जबकि दुनिया के सामने वह उन्हें अपने भाई-बहन बताती थी। पीटर और इंद्राणी ने 2002 में शादी की थी।

इंद्राणी, संजीव और राय को शीना की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

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