शिमला में दसवीं की छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले का एक दोषी की पुलिस सेल में मौत हो गई। कोटखाई पुलिस स्टेशन में छह आरोपियों में से एक का शव मिला है। जबकि पुलिस का आरोप है कि हत्या रेप और मर्डर केस के मुख्य आरोपी ने की है।
नई दिल्ली। हिमाचल का निर्भयाकांड कहे जाने वाले गुड़िया दुराचार और हत्या मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले के एक आरोपी नेपाली मूल के सूरज का पुलिस हिरासत में दूसरे आरोपी राजू ने कत्ल कर दिया है। इस हत्या की सूचना मिलते ही कोटखाई थाने को उग्र भीड़ ने घेर लिया। भीड़ ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर थाने को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर जमकर पथराव किया, जिसमें छोटा शिमला थाने के एसएचओ धर्म सेन नेगी समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मचारी घायल हो गए।
थाने में भीड़ ने लगाई आग
उग्र भीड़ ने थाने में भी आग लगा दी, जिसमें काफी सारा रिकॉर्ड जल कर खाक हो गया। पुलिस ने उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए गोलियां भी चलाईं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी। आलम यह था कि इस दौरान आईजी जैहदी थाने में बंधक बने बैठे रहे। इस दौरान भीड़ में से कुछ लोगों ने मालखाने में रखी शराब भी लूट ली। उपद्रव की चपेट में एक किलोमीटर दूर खड़े पुलिस के तीन वाहन भी आ गए, जिन्हें आग लगा दी गई।
न्यायिक जांच के आदेश
उधर, हत्या के आरोप में राजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कस्टडी में हुई मौत के मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जबकि कोटखाई थाना प्रभारी समेत सभी कर्मचारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। थाने में बंद अन्य चार आरोपियों को थाने से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। पथराव में पुलिस के धर्म सैन नेगी, विजय सिह व अजय कालिया घायल हुए हैं। उनको गुस्साई भीड़ के बीच प्रेस व स्थानीय लोगों की मदद से उपचार के लिए कोटखाई अस्पताल पहुंचाया गया। करीब सवा तीन बजे दिन में जब थाने में गुस्साई भीड़ ने आग लगाई, तो पुलिस के आईजीए जहूर जैदी को छिपा कर साथ बने बैरक की दूसरी मंजिल में कड़े पहरे के बीच पहुंचाया गया।
गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी की मौत
गौरतलब है कि शिमला में दसवीं की छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले का एक दोषी की पुलिस सेल में मौत हो गई। कोटखाई पुलिस स्टेशन में छह आरोपियों में से एक का शव मिला है। जबकि पुलिस का आरोप है कि हत्या रेप और मर्डर केस के मुख्य आरोपी ने की है। मृतक की पहचान 29 वर्षीय नेपाल निवासी सूरज सिंह के रूप में हुई है। सूरज को घटना के अन्य आरोपी राजेन्द्र और लोकजन उर्फ छोटू के साथ एक ही लॉकअप में रखा गया था।
आधी रात को दिया घटना को अंजाम
जानकारी के अनुसार सूरज की हत्या मंगलवार आधी रात के बाद की गई। जब ड्यूटी पर तैनात गार्ड ने चीखने की आवाज सुनी तो वह भागकर हवालत पहुंचा। लेकि तब तक सूरज की मौत हो चुकी थी। मामले की सभी छह आरोपियों को अलग सेल में रखा गया था। आशीष चौहान उर्फ आशु (29), सुभाष सिंह बिष्ट (42) व दीपक उर्फ दीपू को अलग सेल में रखा गया था।
न्याय दिलाने को सड़कों पर उतरा जन सैलाब
उधर, इस मामले में गुडिया को इंसाफ दिलाने के लिए हिमाचल की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है। पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए पिछले कई दिन से जारी आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। हजारों की संख्या में शिमला नागरिक सभा के बैनर तले हजारों लोगों ने डीसी दफ्तर से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च किया। गुम्मा, ठियोग और कोटखाई इलाके में आंदोलन पहले से तेज हो रहा है। महासू में दरिदों द्वारा गुडिया की निर्मम हत्या के दोषियों को सजा की मांग के लिए गुम्मा में हजारों लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। करीब पांच घंटे तक चले प्रदशज़्न के चलते सड़कों पर घंटो तक जाम लगा रहा। वहीं इस मामले में परिजनों का कहना है कि दोषियों को फांसी के फंदे पर देख कर ही बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।