बेंगलुरू। प्रगतिशील कन्नड़ लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से
सम्मानित एमएम कलबर्गी की हत्या के एक माह बाद भी हत्यारों की गिरफ्तारी न होने
सेसाहित्यकारों में भारी नाराजगी है। कलबुर्गी के हत्यारों की गिरफ्तारी में विलंब
होने से दुखी छह कन्नड़ लेखकों ने शनिवार को अपने पुरस्कार कन्नड़ साहित्य परिषद को
लौटा दिए। कलबुर्गी की 30 अगस्त को उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या
कर दी थी।
छह लेखकों ने लौटाए पुरस्कार
हत्याकांड की धीमी जांच से नाराज
छह प्रख्यात लेखकों ने कन्नड़ साहित्य परिषद का पुरस्कार लौटा दिया है। वीरन्ना
मादिवालर, टी सतीश जवाड़े गौड़ा, संगमेश मेनासिनाकाई, हनुमंत हलिगेरी, श्रीदेवी वी
अलूर और चिदानंद साली को चार साल पहले कलबर्गी के साथ प्रतिष्ठित नृपतुंग प्रशस्ति
से सम्मानित किया गया था। कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष पुंडलिक हलाम्बी ने
बताया कि सभी छह बेंगलुरू मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन अरालू साहित्य
पुरस्कार विजेताओं ने अपने पुरस्कार लौटा दिए हैं। कलबुर्गी के हत्यारों की
गिरफ्तारी में विलंब होने से दुखी होकर उन्होंने अपने पुरस्कार लौटाए
हैं।
सीआईडी कर रही है मामले की जांच
उनकी हत्या से अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता को लेकर तूफान खड़ा हो गया। पुलिस को अब भी हत्यारों और उनकी मंशा के
बारे में पता नहीं चल पाया है, जबकि वे दक्षिणपंथी कट्टर तत्वों की संदिग्ध भूमिका
की जांच कर रहे हैं। फिलहाल सीआईडी मामले की जांच कर रही है और सरकार ने घोषणा की
है कि जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।
विरोध में लौटाए सम्मान
पुरस्कार
लौटाने के निर्णय से पहले जावड़े गौड़ा ने कहा था कि अपराधियों को पकड़ने के लिए
राज्य सरकार पर दबाव बनाने का यह एक तरीका है। हलाम्बी ने कहा कि युवा लेखकों ने
विरोध स्वरूप अपने पुरस्कार लौटा दिए और प्रगतिशील लेखक के हत्यारों की जल्द
गिरफ्तारी की मांग की।
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