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मोबाइल टॉर्च की रौशनी में किया नसबंदी का ऑपरेशन 

Published: Mar 01, 2015 09:34:00 am

अस्पताल में रोशनी की व्यवस्था नही थी तो चिकित्सकों ने मोबाइल की टॉर्च की रौशनी में सर्जरी कर दी

आजमगढ़। यूपी में एक फिर नसबंदी के ऑपरेशन में लापरवाही का मामला सामने आया है। कई बार महिलाओं की नसबंदी में हुई लापरवाहिओं के कारण हो चुकी मौतों से स्वास्थ्य विभाग कोई सबक लेना नहीं चाहता। अभी कुछ माह पूर्व ही छत्तीसगढ़ विलासपुर में दर्जनों महिलाओं की नसबंदी को दौरान मौत हो गई थी। यूपी के आजमगढ़ में भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। यहां मार्टिनगंज के एक अस्पताल में साढ़े चार घंटे में 60 महिलाओं का आपरेशन कर दिया। अस्पताल में रोशनी की व्यवस्था नही थी तो शाम होते ही चिकित्सकों ने मोबाइल की टॉर्च की रौशनी में सर्जरी शुरू कर दी।

जनपद के मार्टिनगंज ब्लाक में शुवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें नसबंदी के लिए 60 महिलाओं का पंजीयन हुआ था। डा.एसपी तिवारी के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम अपराह्न 3.30 बजे मार्टिनगंज ब्लाक पर पहुंची उसके बाद आपरेशन शुरू हुआ जो रात करीब 8 बजे तक चला। अस्पताल में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं थी। शाम होते ही नसबंदी के लिए आयी महिलाओं पर जब टार्च व मोबाइल से रोशनी डाली गई तो चिकित्सक ने आपरेशन किया। स्वास्थ्य विभाग नसबंदी शिविर में समुचित व्यवस्था का ढिढोरा पीटता रहा है। जब मार्टिनगंज चिकित्सा प्रभारी डा.धनन्जय सिंह ने कहा कि मोबाइल वैक्सीन को ठंडा करने के लिए बिजली की व्यवस्था है। वर्तमान समय में यहां रोशनी नहीं है। बाद में ठीक करा दिया जायेगा।

केंद्र सरकार की योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना के तहत जनपद के विकिान्न स्वास्थ्य केंद्रों को सभी सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके बावजूद महिलाओं की जिन्दगी चिकित्सक और व्यवस्थापक दाव पर लगा रहे हैं। साढे चार घंटे में 60 आपरेशन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में करना जोखिम भरा कदम है। सबसे अहम बात यह है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में बेड भी नहीं है। इस मेडिकल टीम को इस कदर जल्दी थी कि उसने एक नसबंदी में महज 4.5 मिनट ही लगाये। केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार एक मेडिकल टीम एक दिन में महज 30 सर्जरी कर सकती है लेकिन यहां तो एक अकेले डाक्टर ने ही 60 महिलाओं की नसबंदी कर डाली । भले ही महिलाओं की जान जोखिम में पड़ी रही।
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