बम निरोधक दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर दिया है। इस हरकत के पीछे किसका हाथ है, यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
फर्रूखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर
पार्सल घर के पास शनिवार सुबह एक टाइम बम मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया।
प्लेटफार्म को खाली कराने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। इससे
यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बम की बैटरी डाउन हो गई थी, इसलिए ये
फट नहीं पाया। कानपुर से फर्रूखाबाद पहुंची बम स्क्वॉयड की टीम ने इसे डिफ्यूज कर
दिया है। आंशका जताई जा रही है कि ये किसी बड़ी आतंकी साजिश हो सकती है।
सिपाही
की मुस्तैदी से बचीं हजारों जानें
बम की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी, पुलिस
अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौक पर पहुंच गया। पुलिस के मुताबिक, शनिवार
सुबह करीब 6 बजे आरपीएफ के सिपाही रामनरेश प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सल घर की
दीवार के पास घड़ी की टिक-टिक सुनकर उस ओर बढ़ा तो वहां टाइम बम रखा देखा। उन्होंने
इसकी सूचना आरपीएफ प्रभारी व जीआरपी थानाध्यक्ष को दी। बाद में बम निरोधक दस्ते को
बुलाया गया, जिसने बम को निष्क्रिय किया।
कानपुर से आए दस्ते ने किया
डिफ्यूज
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि टाइम बम होने की पुष्टि हुई है।
कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर दिया है। इस हरकत के पीछे किसका
हाथ है, यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
बम फटता तो होता बहुत
नुकसान
डीजी रेलवे जावीद अहमद ने बताया कि मॉक ड्रिल की बात निराधार है। यह बम
रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और रेलवे की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के
इरादे से प्लांट किया गया था। उन्होंने बताया कि बम की क्षमता बहुत ज्यादा थी, अगर
वह फटता तो खासा नुकसान होता। डीजी रेलवे के मुताबिक, जिस तरह से उसे सर्किट से
अटैच किया गया था, वह आतंकी साजिश की ओर ही इशारा करती है।
किसी आतंकी
संगठन ने प्लांट किया था बम
एसपी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से बने इस बम
में टाइमर, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दो वायर जुड़े हुए थे। ये बम यहां कैसे
आया और किसने रखा इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पुलिस इस मामले में जांच में जुटी
है। सूचना मिलने के बाद ही फर्रूखाबाद से होकर जाने वाली सभी ट्रेनों को प्लैटफॉर्म
नंबर 4 और 5 पर लिया जा रहा था।
घटना में सिमी का हाथ होने की
आशंका
मुंबई ट्रेन बलास्ट के मामले में सिमी के 12 आतंकियों को मकोका कोर्ट ने
सजा सुनाई है। खुफिया एजेंसियां भी इस बात से पहले ही आगाह कर चुकी थीं कि सिमी का
पलटवार यूपी में भी हो सकता है। हालांकि, मकोका कोर्ट के दो दिन के अंदर ट्रेन को
इस तरह से डिरेल करने की साजिश पर आलाधिकारी सीधे तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं,
लेकिन आईजी एसटीएफ ने बताया कि यह ट्रेन डिरेल करने की आतंकी साजिश थी। इसे सीधे
तौर पर गांधी जयंती के दिन देश को दहलाने के लिए प्लान किया गया था।