नपुंसक पति पर पत्नी ने लगाया रेप का आरोप, कोर्ट ने दी राहत
Published: Apr 27, 2015 11:48:00 am
स्थानीय अदालत ने एक शख्स और उसके परिजनों को दुष्कर्म, छेडछाड़ और पत्नी को धमकाने
के आरोपों से बरी कर दिया है
नई दिल्ली। एक स्थानीय अदालत ने एक शख्स और उसके परिजनों को दुष्कर्म, छेडछाड़ और पत्नी को धमकाने के आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने ये कहते हुए शख्स को बरी कर किया है कि, महिला ने अपने नपुंसक पति से पीछा छुड़ाने के लिए झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। महिला की ये बात मानने के बाद कि उसने झूठी शिकायत दर्ज कराई थी एडिशनल सेशन जज विरेंद्र भट्ट ने कहा, “पति के नपुंसक होने के कारण उसे (महिला) विवाह में शारीरिक सुख नहीं मिल रहा था। उसके अपने पति और ससुराल वालों के साथ तनावपूर्ण संबंध होने के यही कारण है।”
जज ने कहा, “उसने अपने ससुराल को इसी कारण की वजह से छोड़ा और अपने पति व ससुराल वालों पर दुष्कर्म, आप्रकृतिक सेक्स और छेड़छाड़ करने की झूठी शिकायत दर्ज कराई। ये सब सिर्फ अपने पति और ससुराल वालों पर तलाक देने का दबाव बनाने के लिए किया गया था।” कोर्ट ने महिला के पति, सास-ससुर, तीन देवर, दो नंदों को क्रूरता, विश्वासघात, दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और छेड़छाड़ जैसे कई आरोपों से बरी कर दिया।
2014 में दर्ज कराई गई शिकायत में महिला ने आरोप लगाया थे कि शादी 2013 फरवरी में शादी के कुछ महीनों बाद ही उसका पति और ससुराल वाले उसपर शारीरिक अत्याचार कर रहें हैं और दहेज के रूप में सोने के जेवर समेत 10 लाख रूपए की मांग कर रहें।