व्यापमं घोटाले में पहली सजा का एलान खंडवा की जिला अदालत ने किया है। फर्जीवाडे के दो आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है।
खंडवा। मध्य
प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में पहली सजा का एलान खंडवा की
जिला अदालत ने किया है। फर्जीवाडे के दो आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई
गई है।
पुलिस अधीक्षक एम. एस. सिकरवार ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि
जिला अदालत ने वर्ष 2004 के फर्जीवाड़े के मामले में दो आरोपियों को सजा सुनाई है।
न्यायालय के आदेश में कितनी सजा और किस तरह की सजा का जिक्र है, इसे उन्होंने नहीं
देखा है। सूत्रों के अनुसार व्यापमं द्वारा वर्ष 2004 की पीएमटी परीक्षा में हुए
फर्जीवाडे में अरूण कुमार व देवेंद्र कौशल को आरोपी बनाया गया था। उसी मामले में
दोनों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। व्यापमं फर्जीवाड़े में यह पहली सजा
है।
ज्ञात हो कि राज्य में पीएमटी, पीईटी से लेकर कई अन्य व्यावसायिक
परीक्षाएं और श्रेणी तीन व चार की भर्ती परीक्षाएं व्यापमं आयोजित करता है। इन
परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी के खुलासे के बाद जांच एसटीफ ने की, आगे चलकर उच्च
न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की निगरानी में एसटीएफ जांच चली और अब सर्वोच्च
न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई जांच कर रही है।
सीबीआई से पहले जांच कर रही
एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। 2100 आरोपियों की
गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। इस जांच के दौरान 48
लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 1200 आरोपियों के चालान भी पेश कर
चुकी है।