scriptरेप नहीं कर पाए तो महिला को जलाया, CM ने दिए जांच के आदेश | UP : For refusing to pay bribe, woman set on fire in police station | Patrika News

रेप नहीं कर पाए तो महिला को जलाया, CM ने दिए जांच के आदेश

Published: Jul 07, 2015 05:12:00 pm

महिला का पति जेल में बंद है और उसे छोड़ने के लिए कथित तौर पर दो पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए उसपर पर दबाव डाला जा रहा था

Set on fire

Set on fire

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के पत्रकार गजेन्द्र की पुलिस द्धारा की गयी हत्या की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि लखनऊ से सटे बाराबंकी में सोमवार को पुलिस वालों ने एक पत्रकार की मां को पेट्रोल डालकर जला दिया। जलाने से पहले पुलिसवालों ने महिला के साथ रेप करने की भी कोशिश की।


महिला 85 प्रतिशत तक जल गई थी। उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था जहां इलाज के दौरान सोमवार देर रात उसकी मौत हो गई। बाराबंकी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने कहा कि घटना की जांच हैदरगढ़ के सदर मजिस्ट्रेट जी पी गुप्ता को सौंपी गई है।

महिला ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में बताया कि पुलिस ने रविवार को उसके पति को हिरासत में ले लिचा था जिसकी जानकारी लेने वह कोथी पुलिस स्टेशन गई थी। महिला ने बताया कि दोनो आरोपी पुलिसकर्मियों ने पहले उसके साथ रेप करने की कोशिश की। बाद में दोनों ने उसपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी

 बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने बताया कि दोनो पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज की गई है। महिला का पुत्र एक हिंदी अखबार मे पत्रकार है। 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि बाराबंकी में महिला की जलने से हुई मृत्यु के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। यादव ने कहा कि महिला की मृत्यु जलने से हुई अथवा वह जलाकर मारी गई है। यह जांच का विषय है। 

सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। मामले की निष्पक्ष जांच मजिस्ट्रेट से कराई जाएगी और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। महिला को थाने में जलाए जाने की घटना को शर्मनाक करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) प्रदेश में अराजकता को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि यह एक दुखद घटना है।



उन्होंने कहा कि थाने में महिला को जलाने वाली घटना अखिलेश सरकार और प्रदेश की पुलिस के माथे पर धब्बा है। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से साबित होता है कि प्रदेश में महिलाओ के लिए शुरू की गई टेलीफोन सेवा 1090 का कोई फायदा नहीं है। जब पुलिस स्टेशन के अंदर निरीक्षक और उप-निरीक्षक महिला के साथ बदसलूकी कर सकते हैं तो 1090 सेवा को कोई महत्व नहीं रह जाता है।

महिला के परिवार वालों ने बताया कि उनके गांव में कुछ दिन पहले झगड़ा हुआ था जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया था। हालांकि, जो लो इस मामले में शामिल थे, वे गांव छोड़कर फरार हो गए। परिवार वालों ने आगे बताया कि रविवार को पुलिस गांव आई थी और वह महिला के पति को अपने साथ ले गई, जो झगड़े में शामिल एक आरोपी का रिश्तेदार है।

सोमवार को जब वह वापस नहीं आया तो उसकी जानकारी जुटाने के लिए महिला पुलिस स्टेशन गई थी। जब महिला ने पुलिसकर्मियों से उसके पति को छोड़ने के लिए कहा तो दोनों पक्षो में विवाद हो गया। अपने बयान में महिला ने कहा कि पुलिसकर्मी स्टेशन में बने एक कमरे में उसे लेकर गए और वहां उसके जेवरात छीन लिए। साथ ही उन्होंने उसके साथ रेप करने की भी कोशिश की। जब उसने इसका विरोध किया तो उन्होंने पेट्रोल छिड़कर उसे आग लगा दी।

इससे पूर्व शाहजहांपुर में पत्रकार जगेन्द्र की हत्या में चार पुलिस वालों को निलंबित किया जा चुका है। जगेन्द्र पिछले एक जून को बुरी तरह जल गए थे ओर उनकी लखनऊ में आठ जून को मौत हो गई थी। उन्होंनें मृत्यु पूर्व बयान में चार पुलिस वालों तथा राज्य सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा पर जलाने का आरोप लगाया था।
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