वीडियो के वाट्सएप पर आने के बाद वरिष्ठ पुलिसकर्मियों ने आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।इसके साथ ही जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पुलिस प्रताड़ना के शिकार होने वाले तीनों युवक गांव में मोबाइल की दुकान चलाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह वीडियो 29 जुलाई का है और इसे मोबाइल के जरिए रिकॉर्ड किया गया है। पुलिस ने तीनों युवकों को दो दिन पहले पकड़ा था।युवकों के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने गैरकानूनी रूप से केवल शक के आधार पर युवकों को हिरासत में रखा। सुरजीत के पिता का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर उनके बेटे को मामले में फंसाया है।