मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगाया,पुलिस फायरिंग में दो और आग लगने की घटना में एक की मौत
इंफाल।
मणिपुर में
विधानसभा द्वारा सोमवार के कथित तौर पर
जनजाति विरोधी विधेयकों के पारित होने के बाद शाम को हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद भीड़ ने एक मंत्री और दो विधायकों के घरों को आग लगा दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं पुलिस फायरिंग में दो और आग लगने की घटना में एक की मौत हो गई। वहीं 14 अन्य लोग घायल हो गए हैं। हिंसा के बाद कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।
वहीं विभिन्न जनजाति संगठनों ने मंगलवार को इन विधेकयों के विरोध में 12 घंटे का प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है। संगठनों का कहना है कि ये विधेयक जनजाति लोगों के खिलाफ हैं। जिन नेताओं के घरों को आग लगाई वे हैं परिवार कल्याण मंत्री पी तोंसिंगए एम वाईफेई और वी राल्ते। ये दोनों ही विधायक हैं। विधेयकों के पारित होने के कुछ घंटों बाद ही चुराचंदपुर स्थिन इन नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करने के साथ साथ आंसू गैस के गोलों को भी छोड़ना पड़ा। विधानसभा ने जिन विधेयकों को पारित किया है, वे हैं प्रोटेक्शन ऑफ मणिपुर पीपुल्स बिल 2015 और मणिपुर लैंड रेवेन्यू एवं लैंड रिफोर्मस बिल 2015। राज्य सरकार इन विधेयकों के जरिए बाहरी राज्यों के लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करना चाहती है।
विधेयकों के मुताबिक, मणिपुर में आने के लिए लोगों को परमिट लेना होगा। सूत्रों का कहना है कि नेताओं को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि किसी ने भी इन विधेयकों का विरोध नहीं किया और इन्हें सदन ने पारित कर दिया।